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    POCO M7 5G: TUV ट्रिपल सर्टिफिकेशन के साथ सेफ डिस्प्ले का बेस्ट ऑप्शन

    Updated: Wed, 05 Mar 2025 04:56 PM (IST)

    आजकल Gen Z और मिलेनियल्स हर रोज औसतन 8 से 10 घंटे तक का वक्त सिर्फ स्क्रीन के सामने बिताते हैं। स्क्रीन की ब्लू लाइट और स्क्रीन फ्लिकरिंग से आंखों में जलन सिरदर्द और थकान जैसी प्रोबल्म आम हो गई हैं। TUV Rheinland ट्रिपल सर्टिफिकेशन वाली डिस्प्ले आंखों के लिए बेहद सेफ मानी जाती हैं। यहां हम इसके बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

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    TUV Rheinland, जर्मन टेक्निकल सर्टिफिकेशन एजेंसी है।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में स्मार्टफोन, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन हमारी लाइफ स्टायल का अहम हिस्सा बन चुके हैं। घंटो तक स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों में जलन, सिरदर्द और थकान जैसी प्रोबल्म आम हो गई हैं। हमारी आखों पर ब्लू लाइट और स्क्रीन फ्लिकरिंग का काफी असर देखने को मिलता है। इसलिए, TUV Rheinland ट्रिपल सर्टिफिकेशन वाली डिस्प्ले आंखों के लिए बेहद सेफ मानी जाती हैं।

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    क्यों जरूरी है डिस्प्ले सेफ्टी ?

    जैसे-जैसे स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है। इसके चलते हमारी आंखों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। मौजूदा वक्त में Gen Z और मिलेनियल्स हर रोज औसतन 8 से 10 घंटे तक का वक्त सिर्फ स्क्रीन के सामने बिताते हैं। इससे उनमें डिजिटल आई स्ट्रेन की समस्या बढ़ रही है।

    स्क्रीन से होने वाली समस्याएं

    • आंखों में थकान (Eye Strain)
    • सिरदर्द और माइग्रेन
    • आंखों का लाल होना
    • आखों में सूखापन
    • नींद की कमी
    • फोकस न कर पाना

    स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट की डिस्प्ले से निकलने वाली ब्लू लाइट (Blue Light) और फ्लिकरिंग (Flickering) से ये समस्याएं और भी बढ़ सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए डिवाइस में TUV Rheinland ट्रिपल सर्टिफिकेशन का होना आवश्यक है। इससे आंखों पर पड़ने वाला प्रभाव काफी कम हो जाता है।

    TUV ट्रिपल सर्टिफिकेशन: आंखों की सेफ्टी की गारंटी

    TUV Rheinland, जर्मन टेक्निकल सर्टिफिकेशन एजेंसी है, जो अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की डिस्प्ले को आई सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के आधार पर प्रमाणित करती है। TUV ट्रिपल सर्टिफिकेशन के अंतर्गत डिस्प्ले को तीन मानकों पर परखा जाता है। यहां हम आपको इसके बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

    Low Blue Light सर्टिफिकेशन

    Low Blue Light सर्टिफिकेशन सुनिश्चित करता है कि डिस्प्ले से निकलने वाली ब्लू लाइट कम हो, जिससे आंखों पर कम प्रभाव पड़े। ज्यादा ब्लू लाइट इंसानों की मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है, जिससे नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। Low Blue Light डिस्प्ले का उपयोग करने से आखों को आराम मिलता है और नींद बेहतर होती है।

    Flicker-Free टेक्नोलॉजी

    स्क्रीन Flickering के चलते माइग्रेन और सिरदर्द जैसी समस्याएं होती है। ऐसे में आखों को कम थकान हो इस लिए Flicker-Free सर्टिफाइड डिस्प्ले बेहतर होती हैं। ये आखों को स्टेबल और स्मूद एक्सपीरियंस देते हैं।

    Circadian-Friendly डिस्प्ले

    Circadian-Friendly डिस्प्ले टेस्ट में स्क्रीन की ब्राइटनेस और कॉन्ट्रास्ट को टेस्ट किया जाता है। सर्केडियन रिदम यूजर्स की नेचुरल स्लीप साइकल को सपोर्ट करता है। Circadian रात के समय डिस्प्ले ब्राइटनेस और कॉन्ट्रास्ट को ऑटोमेटिक एडजस्ट करता है। यह फीचर स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और गेमर्स के लिए यूजफुल है।

    TUV ट्रिपल सर्टिफिकेशन से लैस स्मार्टफोन: POCO M7 5G

    आजकल कई स्मार्टफोन कंपनियां अपनी डिस्प्ले टेक्नोलॉजी को इंप्रूव कर रहे हैं। POCO M7 5G स्मार्टफोन में TUV ट्रिपल सर्टिफाइड डिस्प्ले लांच होने वाला है। POCO M7 5G स्मार्टफोन के डिस्प्ले फीचर्स नीचे दिए गए हैं।

    पोको के इस फोन की डिस्प्ले TUV Rheinland ट्रिपल सर्टिफाइड है। इस फोन में 6.88-इंच का FHD+ AMOLED डिस्प्ले दिया गया है। इस डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट 120Hz है, जो यूजर्स को स्मूद एक्सपीरियंस ऑफर करता है। यह कम ब्लू लाइट प्रोड्यूस करती है। इसके साथ ही डिस्प्ले में Flicker-Free टेक्नोलॉजी और ऑटोमैटिक ब्राइटनेस एडजस्टमेंट भी सपोर्ट मिलता है। पोको के इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले गेमिंग, मूवी और सोशल मीडिया ब्राउंजिंग के लिए बेस्ट है।

    नोट - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क से लिखा गया है।