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    पायरेसी साइट से जरा बचके! Adult Site से ज्यादा खतरा है यहां, एक क्लिक में प्राइवेसी की उड़ जाएंगी धज्जियां

    रिसर्च में कहा गया है कि भारतीय यूजर्स के लिए मैलवेयर का खतरा बड़ी समस्या है। एडल्ट और विज्ञापन साइट्स की तुलना में ये रिस्क पायरेसी साइट्स का इस्तेमाल करने के कारण पैदा हो सकता है। कहा गया है कि पायरेसी साइट्स आपके डिवाइस में मैलवेयर की एंट्री कर सकती है। जो आपको जोखिम में डाल सकती है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

    By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Tue, 19 Mar 2024 07:20 PM (IST)
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    पायरेसी साइट्स मैलवेयर का खतरा पैदा कर सकती हैं।

    पीटीआई, मुंबई। भारत में एडल्ट और गैंम्बलिंग साइट्स का जमकर इस्तेमाल किया जाता है। इनसे यूजर्स की सिक्योरिटी को लेकर भी रिस्क बना रहता है। लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च में कहा गया है कि एडल्ट और गैंम्बलिंग साइट्स की तुलना में पायरेसी साइट्स यूजर्स के लिए ज्यादा अनसिक्योर हैं। पायरेसी साइट्स पर भारतीय कंज्यूमर्स की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इन साइट्स के जरिये मैलवेयर आपके डिवाइस में एंट्री कर सकते हैं।

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    पायरेसी साइट्स हैं बड़ा खतरा

    रिसर्च के मुताबिक एडल्ट साइट और जुए वाले विज्ञापनों की तुलना में भारतीय कंज्यूमर्स के लिए पायरेसी वेबसाइटें ज्यादा घातक हैं। रिसर्च के अनुसार भारत में पायरेसी साइट्स से मैलवेयर का खतरा 59 प्रतिशत तक पैदा हो सकता है जबकि एडल्ट साइट्स 57 प्रतिशत और जुए के विज्ञापनों 53 प्रतिशत है।

    1037 लोगों पर हुई रिसर्च

    यह रिसर्च 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले 1037 लोगों पर हुई थी। ये सभी लोग YouGov National Omnibus के हिस्सा थे। रिसर्च में कहा गया है कि डिजिटल पायरेसी मनोरंजन क्षेत्रों में भारत के कल्चरल आउटपुट के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है। डिजिटल पायरेसी के तहत फिल्में, म्यूजिक, टीवी शो, किताब और क्रिएटिव वर्क शामिल हैं।

    बड़ा है नुकसान का दायरा

    पायरेसी से होने वाले नुकसान का एक बड़ा दायरा है। अक्सर होता है कि किसी फिल्म के रिलीज होते ही वह तमाम साइट्स पर आ जाती है। इसका सीधा प्रभाव एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर पड़ता है। वैश्विक परामर्श फर्म EY का अनुमान है कि 2022 में यह 3.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही थी।

    इन लोगों के पास पायरेसी साइट्स की पहुंच

    स्टडी में आगे कहा गया है कि स्कैम पायरेसी साइट्स साइबर थ्रेट्स भी पैदा कर सकती हैं। अध्ययन में पाया गया कि 18-24 वर्ष की आयु के लोगों के पास पायरेसी वेबसाइट्स जल्दी पहुंचती हैं।

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