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    ऑनलाइन गेमिंग बिल बना कानून, अब भारत में तेजी से बढ़ेगी ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री; मिलेगी अलग पहचान

    ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद से पास हो चुका है और इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी मंजूरी मिल गई है। इसे इंडिया की ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है। ये बिल लंबे समय से चली आ रही डिमांड को पूरा करता है जिसमें ईस्पोर्ट्स जैसे स्किल-बेस्ड गेम्स को रियल-मनी गेमिंग से अलग किया गया है। अब ईस्पोर्ट्स को अपनी अलग पहचान मिलेगी।

    By Saket Singh Baghel Edited By: Saket Singh Baghel Updated: Sat, 23 Aug 2025 02:15 PM (IST)
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    ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी मंजूरी मिल गई है। इसे भारत की बढ़ती ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए बड़ा कदम बताया जा रहा है। ये बिल गेमर्स और ईस्पोर्ट्स एथलीट्स की पुरानी डिमांड को पूरा करता है कि ईस्पोर्ट्स जैसे स्किल-बेस्ड गेम्स को रियल-मनी गेमिंग से अलग किया जाए।

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    अभी तक इस इंडस्ट्री को अक्सर जुए की कैटेगरी में डाल दिया जाता था। लेकिन अब फर्क साफ है, क्योंकि ईस्पोर्ट्स टैलेंट और कॉम्पटीशन पर आधारित है, न कि किस्मत या बेटिंग पर। ये फर्क इंडस्ट्री के लिए स्ट्रक्चर, इन्वेस्टमेंट और लेजिटिमेसी लाने में मदद करेगा।

    इंडिया में ईस्पोर्ट्स तेजी से बढ़ा है और BGMI (बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया), Valorant, FIFA, DOTA 2 और काउंटर-स्ट्राइक जैसे टाइटल्स ने कॉम्पिटेटिव सीन पर कब्जा किया है। एशियन गेम्स 2022 हांगझोउ में ईस्पोर्ट्स ने पहली बार मेडल इवेंट के तौर पर डेब्यू किया था, जिसमें League of Legends, DOTA 2, FIFA, Arena of Valor, Street Fighter V और PUBG Mobile शामिल थे और इंडिया ने भी इसमें हिस्सा लिया था।

    बिल क्या कहता है?

    ऑनलाइन गेमिंग बिल का सबसे बड़ा पहलू है ईस्पोर्ट्स को नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट 2025 के तहत ऑफिशियल स्पोर्ट का दर्जा मिलना। इसका मतलब है कि अब ईस्पोर्ट्स को लेजिटिमेसी के लिए लड़ना नहीं पड़ेगा और इसे क्रिकेट और फुटबॉल जैसे ट्रेडिशनल स्पोर्ट्स के बराबर एक्सपोजर मिलेगा।

    इस कदम से सरकार प्लेयर्स और पूरे ईकोसिस्टम को क्लियर गाइडलाइंस, रूल्स और क्वालिटी स्टैंडर्ड दे पाएगी। सबसे अहम बात ये है कि अब हर स्टेट में एक जैसे रूल्स होंगे, जबकि अभी तक हर जगह अपने-अपने रूल्स चलते थे।

    रेवेनेंट ईस्पोर्ट्स के फाउंडर और सीईओ रोहित एन. जगासिया ने कहा, ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 सेक्टर की अनिश्चितता को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। अभी अलग-अलग राज्यों के रूल्स इंडस्ट्री में असंतुलन लाते हैं। ये बिल बैलेंस बनाने और सेंट्रल फ्रेमवर्क से इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और ग्लोबल कम्पटीशन को बढ़ावा देगा।

    ग्रोथ और स्ट्रक्चर

    बिल में ईस्पोर्ट्स को बढ़ावा देने और नेशनवाइड एक्सपांड करने के लिए बड़े प्लान भी शामिल हैं। केंद्रीय खेल मंत्रालय ट्रेनिंग एकेडमी, रिसर्च सेंटर्स और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तैयार करेगी ताकि टैलेंट को निखारा जा सके और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो। ये इनिशिएटिव सिर्फ प्लेयर्स ही नहीं बल्कि कंटेंट क्रिएटर्स, डेवेलपर्स और इवेंट ऑर्गनाइजर्स के लिए भी ईस्पोर्ट्स को ज्यादा एक्सेसिबल और रिस्पेक्ट बनाएंगे।

    S8UL ईस्पोर्ट्स के को-ओनर अनीमेश अग्रवाल ने कहा, 'ईस्पोर्ट्स असली स्पोर्ट है जो स्किल, डिसिप्लिन और सालों की मेहनत पर आधारित है। अब गवर्नमेंट की मान्यता और सही इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इंडिया ग्लोबल पावरहाउस बनने की तरफ बढ़ रहा है। अब फोकस एरीना, बूटकैम्प्स, एजुकेशन प्रोग्राम और स्कॉलरशिप पर होना चाहिए ताकि अगली जेनरेशन वर्ल्ड स्टेज पर कॉम्पीट करे या गेमिंग क्रिएटर्स के तौर पर कल्चर बनाए।'

    एक कल्चरल शिफ्ट

    बड़ी तस्वीर में देखा जाए तो ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 सिर्फ ईस्पोर्ट्स के लिए कानून नहीं है, बल्कि एक कल्चरल बदलाव है। ये साफ मैसेज देता है कि ईस्पोर्ट्स अब यहां टिकने आया है और इंडिया के स्पोर्ट्स फ्यूचर का हिस्सा है। सही सपोर्ट और इम्प्लिमेंटेशन के साथ ये इंडिया को ग्लोबल ईस्पोर्ट्स पावरहाउस बनाने की शुरुआत साबित हो सकता है।

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