मुंबईकरों को मिली बड़ी खुशखबरी, रेलवे स्टेशन्स पर मिलेगी धांसू इंटरनेट कनेक्टिविटी, जानें पूरी खबर
मुंबई रेलवे स्टेशन पर तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए Cloudextel ने रेलटेल के साथ मिलकर एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें कुल नौ रेलवे स्टेशन शामिल है। बता दें कि यह लाइन चर्चगेट और दादर के बीच काम करेगी।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। चुनिंदा दूरसंचार कंपनियों द्वारा सेवा लेने वाले लाखों उपनगरीय रेल यात्री एक नई तकनीक के सौजन्य से अपने मोबाइल फोन पर तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी का आनंद ले सकेंगे। बता दें कि Cloudextel टेक कंपनी ने पश्चिम रेलवे पर चर्चगेट और दादर के बीच नौ रेलवे स्टेशनों पर शेयर रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) समाधान देने की योजना बनाई है इसके लिए कंपनी ने रेलटेल के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
कंपनी के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव कुणाल बजाज ने कहा कि उन्होंने पहले ही मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर डिवाइस लगा दिए हैं। उन्होंने दावा किया है कि यूजर्स को हाई डेटा स्पीड के साथ बहुत संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। बजाज ने यह भी कहा कि वर्तमान में,Vi और एयरटेल के कस्टमर्स बिना किसी अतिरिक्त लागत या सार्वजनिक वाईफाई पर लॉग ऑन करने के लिए आवश्यक नए लॉगिन के बिना सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। बता दें कि आमतौर पर कंपनी एक बेस स्टेशन और फिर एक स्टेशन पर कई छोटी यूनिट्स को कनेक्ट करने में मदद करती है। इसलिए मुंबई सेंट्रल जैसी साइट पर 1 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।
Cloudextel सेवा वितरण पर पैरामीटर के एक सेट के लिए प्रतिबद्ध होगा। टेलीकॉम इसे भुगतान करने वाले कंज्यूमर्स की संख्या या उनके द्वारा डाउनलोड किए गए डाटा की परवाह किए बिना भुगतान करता है। बॉम्बे गैस कंपनी की सहायक इस कंपनी को लगता है कि अगले 12-18 महीनों में इस प्रोजेक्ट का विस्तार सभी उपनगरीय रेलवे स्टेशनों तक किया जा सकता है । साथ ही यह यात्रा के दौरान बेहतर कनेक्टिविटी के लिए पटरियों के साथ-साथ इसी तरह के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने पर विचार करेगी।
बजाज ने कहा कि उसी शेयर RAN समाधान को हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और हाई कैटेगरी के कमर्शियल रियल एस्टेट प्रोज्क्ट के लिए भी पेश किया जाएगा। वर्तमान में, यह प्रोजेक्ट वित्त पोषित है और अगले पांच वर्षों में 400 करोड़ रुपये तक निवेश करने की योजना तैयार की गई है।हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यवसाय कैसे बढ़ता है। इसके अलावा कंपनी बाहरी फंडिंग की भी तलाश करेगी।
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