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Common Charger से महंगे हो जाएंगे मोबाइल फोन, बताया ICEA ने भारत सरकार को, जानिए क्या है पूरा मामला

Common Charger भारत सरकार सभी मोबाइल के लिए एक कॉमन चार्जर पॉलिसी बनाने का विचार कर रही है। लेकिन मोबाइल डिवाइस इंडस्ट्री बॉडी ICEA ने सरकार के सामने अपनी दलील रखी है जिसमें कहा गया है कि ऐसा करने से मोबाइल फोन की कीमतों में इजाफा हो जाएगा।

By Kritarth SardanaEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 05:57 PM (IST)
Common Charger से महंगे हो जाएंगे मोबाइल फोन, बताया ICEA ने भारत सरकार को, जानिए क्या है पूरा मामला
Common Charger Photo Credit - Jagran File Photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। मोबाइल डिवाइस इंडस्ट्री बॉडी (India Cellular and Electronics Association) ने कहा है कि मोबाइल फोन के लिए कॉमन चार्जर आने से सस्ते मोबाइल की कीमतों में 150 रुपये की वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही भारत में एडेप्टर की निर्यात (export) क्षमता भी सीमित हो जाएगी।

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भारत सरकार सभी मोबाइल के लिए एक कॉमन चार्जर पॉलिसी बनाने पर काम कर रही है। सरकार ने इंडस्ट्री के कुछ विशेषज्ञों के साथ हाल ही में एक मीटिंग भी की है।

क्या कहती है ICEA

  • ICEA ने कहा कि मोबाइल फोन खिलाड़ियों ने पहले ही चार्जिंग पोर्ट को केवल दो प्रकार के चार्जिंग पॉइंट - माइक्रो USB और USB टाइप C तक सीमित कर दिया है। गौरतलब है कि ICEA में Apple, Foxconn, Vivo और Lava कंपनी के सदस्य शामिल हैं।
  • इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को एक प्रस्तुति में बताया कि मोबाइल फोन खिलाड़ियों ने पहले ही चार्जिंग पोर्ट को केवल दो प्रकार के चार्जिंग पॉइंट - माइक्रो USB और USB टाइप C तक सीमित कर दिया है। जबकि लैपटॉप चार्जर्स में अभी भी 9 से 10 प्रकार के चार्जिंग पोर्ट हैं जिन्हें वैश्विक मानकों के साथ सिंक करके मोबाइल उद्योग की तरह लगभग दो पोर्ट करने की आवश्यकता है।
  • मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ICEA के प्रमुख पंकज मोहिंदरू ने बताया कि Micro USB और Type C चार्जर की कीमत के बीच लगभग 150 रुपये प्रति यूनिट का अंतर आता है। बाज़ार में मौजूद 90 फीसदी से अधिक स्मार्टफोन में माइक्रो यूएसबी और यूएसबी टाइप सी चार्जर पर चलते हैं। 2 फीसदी से भी कम फोन में माइक्रो टाइप बी, लाइटनिंग चार्जर मिलता है।

मोबाइल चार्जर का निर्माण बढ़ा भारत में

  • आईसीईए के अनुसार भारत में मोबाइल चार्जर का निर्माण बढ़ रहा है और उद्योग अगले पांच वर्षों में वैश्विक बाजार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना चाहता है।
  • मोबाइल डिवाइस इंडस्ट्री बॉडी ने सरकार को ये भी बताया कि कि मोबाइल फोन चार्जर को केवल एक प्रकार के चार्जिंग पोर्ट तक सीमित करने से देश की निर्यात क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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