Maya OS: भारतीय कम्प्यूटरों पर होगा स्वदेशी ओएस का राज; नेवी, आर्मी और अन्य फोर्स में भी होगा उपयोग
रक्षा मंत्रालय ने अपनी साइबर सुरक्षा प्रणाली में एक बड़े बदलाव की घोषणा की है। यह अपने सभी इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों में विंडोज को माया नामक एक नए ओएस से बदल देगा। यह मॉलवेयर और रैंसमवेयर हमलों के बढ़ते खतरे की प्रतिक्रिया है जो हाल के दिनों में लगातार और अधिक गंभीर हो गए हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डीएसी) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों की मदद से माया ओएस विकसित किया है।
यह निःशुल्क है और अधिक सुरक्षित है। इसके अलावा ही माया के साथ को अब कोई कष्टप्रद विंडोज अपडेट की जरूरत भी नहीं है। बता दें कि भारत सरकार रक्षा मंत्रालय में उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटरों पर विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को माया ओएस नामक एक नए स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम से बदलने पर विचार कर रही है।
क्या है माया?
माया ओएस एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम है जो उबंटू(Ubuntu) पर आधारित है। Ubuntu एक लोकप्रिय लिनक्स वितरण है, जो मुफ्त और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है। एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) रखना, वह भी सरकार के लिए एक चुनौती है लेकिन मंत्रालय का दावा है कि माया ओएस को साइबर खतरों को विफल करने और माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक तकनीकी कंपनियों द्वारा बनाए गए ओएस पर निर्भरता को कम करने के लिए पेश किया जा रहा है।
याद रखें, माया ओएस मुफ्त है, इसलिए, सरकार को अब वास्तविक विंडोज लाइसेंस लेने या महंगी माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और अन्य सेवाओं के लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
साइबर खतरों से सुरक्षित
साइबर अपराधी किसी भी लोकप्रिय प्लेटफॉर्म के लिए मॉलवेयर और वायरस बनाते हैं। प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता मॉलवेयर को तेजी से फैलाने में मदद करती है। दुनिया भर में अधिकांश पीसी यूजर्स द्वारा विंडोज का उपयोग किए जाने के कारण, यह हैकर्स का प्राथमिक लक्ष्य है। विचार करने का एक अन्य पहलू यह है कि, जब ईमेल, यूएसबी पेन ड्राइव, पोर्टेबल हार्ड ड्राइव, राउटर या किसी अन्य अंतिम डिवाइस या प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटा का आदान-प्रदान किया जाता है, तो हैकर्स आमतौर पर विंडोज पेलोड संचारित करते हैं क्योंकि इसकी लोकप्रियता के कारण संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
अब, जब विंडोज मॉलवेयर माया ओएस चलाने वाले पीसी पर प्रसारित होता है, तो मॉलवेयर का अनिवार्य रूप से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मॉलवेयर एन्कोडेड पीडीएफ, जेपीईजी, एक्सेल शीट और डॉक्स वाले ईमेल को आमतौर पर हैकर्स के लिए प्राथमिक प्रवेश बिंदु के रूप में देखा जाता है। इसलिए, यदि कोई सरकारी अधिकारी ईमेल से एक महत्वपूर्ण पीडीएफ फाइल डाउनलोड करता है, बिना यह जाने कि पीडीएफ में माया ओएस वाले पीसी पर विंडोज मॉलवेयर एम्बेडेड है, तो मॉलवेयर ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है।
एंटी-वायरस चक्रव्यूह
सुरक्षा का दूसरा चरण 'चक्रव्यूह' है,जो घरेलू एंटी-वायरस है और डेटा को अलग करता है। चक्रव्यूह माया ओएस के साथ ही आता है। सरकार साल के अंत तक माया ओएस तैनात करने के लिए तैयार है। लेकिन माया ओएस की उत्पत्ति क्या है, यह क्या सुविधाएं पेश करेगा और क्या लोकप्रिय ऐप्स नए ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेंगे? आज हम इसके बारे में जानेंगे।
माया- स्वदेशी ओएस
माया ओएस को रक्षा मंत्रालय द्वारा 'विकसित' किया गया है, जो साल के अंत तक आएगा और सेना, नौसेना और अन्य बलों के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। मंत्रालय का दावा है कि माया ओएस ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जो लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का वितरण है।
सस्ता है माया ओएस
उबंटू के डेरिवेटिव विकसित करने का कारण सरल है। यह यूजर्स को उबंटू ऐप्स तक पहुंच की अनुमति देते हुए प्राथमिकताओं के अनुसार कस्टमाइड करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि जैसे बाह्य उपकरणों के लिए, उबंटू का सपोर्ट करने वाले ड्राइवर ढूंढना आसान है। माया ओएस मुफ्त लोकप्रिय उबंटू ऐप्स तक एक्सेस के साथ एक और उबंटू जनरेट करता है। उबंटू ऐप स्टोर माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, फोटोशॉप, ब्राउजर आदि के लिए मुफ्त विकल्प देता है। इससे सरकार के लिए सॉफ्टवेयर लाइसेंस लागत में भारी कमी आएगी।
Apple के macOS और Microsoft के Windows के अलावा, Linux वितरण सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जिनका उपयोग विश्व स्तर पर विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। वास्तव में, विंडोज भी लिनक्स से 'बेहद प्रेरित' है।
मंत्रालय ने इस प्लेटफॉर्म को एक इंटरफेस और कार्यात्मकताओं के साथ डिजाइन किया है जिसका उद्देश्य बुरे तत्वों से किसी भी संभावित साइबर खतरे को विफल करना है। रिपोर्ट के अनुसार, ओएस को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), एडवांस कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डीएसी), और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) जैसी एजेंसियों की एक समर्पित टीम की मदद से छह महीने में विकसित किया गया था।
नाम का क्या है मतलब
माया ओएस नाम हिंदी के भ्रम शब्द से लिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि माया नाम उन हैकरों के विचार को दर्शाता है, जो रक्षा मंत्रालय की प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश करते समय भ्रम का सामना करते हैं। ओएस को चक्रव्यूह के रूप में सुरक्षा की एक परत मिलती है जो माया ओएस के लिए एक एंटी-मॉलवेयर और एंटीवायरस वर्जन है, जो इन दुर्भावनापूर्ण अभिनेताओं तक पहुंच से इनकार करता है।
माया ओएस - माइक्रोसॉफ्ट विंडोज से अधिक सुरक्षित
उबंटू-आधारित माया ओएस का यूआई बिल्कुल विंडोज जैसा है, जिससे यूजर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाता है, क्योंकि वे पहले से ही ओएस की विशेषताओं और कार्यों को जानते हैं। इसके अलावा, माया ओएस क्लाउड स्टोरेज, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और डिजिटल हस्ताक्षर के लिए भी समर्थन देता है।
वास्तव में, व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी, आप सस्ती कीमत पर मुफ्त डॉस या बिना विंडोज वाला लैपटॉप खरीद सकते हैं और उस पर उबंटू इंस्टॉल कर सकते हैं। आपको निःशुल्क उबंटू ऐप स्टोर तक पहुंच मिलती है। हालांकि ऐप्स अलग-अलग दिख सकते हैं, यह बस आदत डालने के बारे में है।
रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी रजिस्टर्ड कंप्यूटरों पर माया ओएस स्थापित करने के लिए 2023 के अंत तक की समय सीमा तय की है। नए स्वदेशी ओएस को निकट भविष्य में सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणालियों के लिए भी तैनात किए जाने की उम्मीद है।
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