Move to Jagran APP

रैनसमवेयर अटैक के मामले में दुनिया में 5वें स्थान पर है भारत: रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2018 में महाराष्ट्र में 56 फीसद रैनसमवेयर अटैक किए गए हैं। रैनसमवेयर अटैक की बढ़ती संख्या गंभीर और चिंता का विषय है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 03:27 PM (IST)
रैनसमवेयर अटैक के मामले में दुनिया में 5वें स्थान पर है भारत: रिपोर्ट
रैनसमवेयर अटैक के मामले में दुनिया में 5वें स्थान पर है भारत: रिपोर्ट

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। इंटरनेट सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स प्रोवाइडर eScan ने एक नई थ्रेड रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है जून 2018 में रैनसमवेयर अटैक से प्रभावित शहरों में सबसे पहला नाम महाराष्ट्र का है। इसके मद्देनजर रिपोर्ट में बेहतर साइबर सिक्योरिटी उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में 13 फीसद के रैनसमवेयर अटैक के साथ दिल्ली दूसरे नंबर पर, 12 फीसद के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर और 9 फीसद के साथ तेलंगाना और तमिलनाडू चौथे औप पांचवे नंबर पर हैं।

loksabha election banner

जानें क्या कहती है रिपोर्ट:

रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2018 में महाराष्ट्र में 56 फीसद रैनसमवेयर अटैक किए गए हैं। रैनसमवेयर अटैक की बढ़ती संख्या गंभीर और चिंता का विषय है। क्योंकि भारत दुनिया में पांचवा और एशिया में तीसरा सबसे ज्यादा रैनसमवेयर अटैक किए जाने वाला देश है। रिपोर्ट में बताया गया कि जून महीने में दुनिया में 20.77 फीसद रैनसमवेयर अटैक किए गए। वहीं, इसी महीने भारत में 22.94 फीसद रैनसमवेयर अटैक रिकॉर्ड किए गए।

भारत में रैनसमवेयर अटैक बढ़ने के कारण:

रिपोर्ट में भारत में रैनसमवेयर अटैक बढ़ने का सबसे बड़ा कारण डिजिटालाइजेशन को बताया गया। 2016 में नोटबंदी के बाद काफी तेजी से भारत में कैशलैस ट्रांजैक्शन की तरफ बढ़ा है और यही कारण है कि यहां रैनसमवेयर अटैक्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई। वहीं, भारत में अटैक बढ़ने का एक दूसरा कारण सस्ती कीमत में डाटा मिलना है। इंटरनेट इनेबल्ड मोबाइल डिवाइसेज और सस्ते डाटा प्लान्स भी रैनसमवेयर अटैक बढ़ने का कारण हैं। क्योंकि सस्ते डाटा प्लान्स के आने के बाद से ही ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट से जुड़ने लगे हैं।

eScan ने दिया सुझाव:

eScan ने इंटरनेट यूजर्स को सुझाव देते हुए कहा है कि उन्हें समय-समय पर अपने फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम और एंटी-वायरस प्रोग्राम को अपडेट करते रहना चाहिए। क्योंकि ये वायरस अटैक से डिवाइस को बचाने का काम करते हैं। रिपोर्ट में यूजर्स को पुरानी डिवासेज को अपग्रेड करने का भी सुझाव दिया गया है।

क्या है रैनसमवेयर?

रैनसमवेयर एक तरह का साइबर हमला है। यह वायरस यूजर के कंप्यूटर पर पूरी तरह से कंट्रोल कर पेमेंट की डिमांड करता है। यह वायरस सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं बल्कि स्मार्टफोन को भी नुकसान पंहुचा सकता है। यह वायरस बिना आपकी जानकारी के कंप्यूटर या स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचाने वाला सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेता है, इसके जरिये ये यूजर की जानकारी को एन्क्रिप्ट कर लेता है। इस तरह हैकर के पास यूजर के डाटा पर पूरा-पूरा एक्सेस हो जाता है। फिर हैकर यूजर को उसका डाटा ब्लॉक करने की धमकी दे उससे पैसे ऐंठता है| डाटा के एवज में यूजर से बतौर फीस 0.3 से 1 बिटक्वाइन तक की मांग की जाती है, जिसकी कीमत 400 यूरो से लेकर 1375 यूरो तक होती है| बिटक्वाइन डिजिटल ट्रांसक्शन में इस्तेमाल होने वाली एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। ऐसे साइबर अटैक किसी एक व्यक्ति पर न कर के पूरे नेटवर्क पर किया जाता है।

यह भी पढ़ें:

जीमेल विवाद पर गूगल ने दी सफाई, इन कारणों से पढ़ा जाता है यूजर्स का ई-मेल

फिर से विवादों में घिरी फेसबुक, इन 61 कंपनियों के साथ शेयर की यूजर्स की निजी जानकारी

अफवाहों को रोकने के लिए व्हाट्सएप ने बनाया नया प्लान, सख्त किए ग्रुप के नियम 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.