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G-Mail विवाद पर गूगल ने दी सफाई, इन कारणों से पढ़ा जाता है यूजर्स का ई-मेल

जीमेल के इनबॉक्स का थर्ड पार्टी के एक्सेस को लेकर गूगल ने ब्लॉग पोस्ट के जरिए सफाई दी

By Harshit HarshEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 01:12 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 03:54 PM (IST)
G-Mail विवाद पर गूगल ने दी सफाई, इन कारणों से पढ़ा जाता है यूजर्स का ई-मेल
G-Mail विवाद पर गूगल ने दी सफाई, इन कारणों से पढ़ा जाता है यूजर्स का ई-मेल

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। दुनियाभर के 1.4 बिलियन जीमेल यूजर्स ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जब वो अपने जीमेल अकाउंट को सीक्रेट पासवर्ड से लॉक करके निश्चिंत होकर सो जाते हैं तो उनके अकाउंट का डाटा कोई और एक्सेस कर लेता है। जब से यह खबर मीडिया में आई है, तब से जीमेल यूजर्स के लिए संशय का विषय बना हुआ है। यूजर्स अभी फेसबुक-कैमब्रिज अनालिटिका डाटा लीक को भूले भी नहीं थे कि इस खबर ने यूजर्स की नींद हराम कर दी।

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जीमेल का इस्तेमाल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र से लेकर दुनिया के किसी कोने में एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स तक करते हैं। सोशल मीडिया अकाउंट से लेकर नेट बैंकिंग सेवा के लिए लोग जीमेल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यदि गूगल आपके जीमेल को किसी अन्य को भी पढ़ने की इजाजत दे देता है तो इससे डाटा चोरी का खतरा तो दिखता ही है।

गूगल ने रखा अपना पक्ष

हालांकि, गूगल का कहना है कि वह केवल अनुभवी थर्ड पार्टी डेवलपर्स को यह अधिकार देता है और इसके लिए यूजर्स की सहमति मांगी जाती है। लेकिन कई कंज्‍यूमर्स को इस बात का पता भी नहीं होगा कि उन्होंने अपने अकाउंट का एक्‍सेस इन एप्‍स को दे दिया है। बता दें कि गूगल ने तो स्‍वयं जीमेल यूजर्स के इमेल को स्‍कैन करना बंद कर दिया है। वॉल स्‍ट्रीट जर्नल में छपी खबर के अनुसार, कुछ थर्ड पार्टी डेवलपर ने एप्‍स बनाई हैं जो कंज्‍यूमर के अकाउंट को एक्‍सेस कर सकते हैं और मार्केटिंग के उद्देश्‍य से उनके मैसेज स्‍कैन कर सकेंगे।

ब्लॉग पोस्ट के जरिए दी सफाई

गूगल क्लाउड, ट्रस्ट और प्राइवेसी की निदेशक सुजैन फ्रे ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए सफाई देते हुए लिखा कि हम अन्य डेवलपर्स को जीमेल के साथ इंटीग्रेट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे ई-मेल क्लाइंट्स, ट्रिप प्लानर्स और कंज्यूमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं। इससे यूजर्स के पास अपने ई-मेल में कई ऑप्शन दिखाई देंगे, जिसे वो अपने हिसाब से मैनेज कर सकेंगे। सुजैन ने आगे कहा कि इसके लिए डेवलपर का ऑटोमैटिक और मैन्युअल रिव्यू के साथ ही एप के प्राइवेसी पॉलिसी की भी जांच की जाएगी।

यूजर्स की सहमति होगी आवश्‍यक

जीमेल की एक्सेस सेटिंग्स डाटा कंपनियों और एप डेवलपर्स को लोगों के ई-मेल और प्राइवेट डिटेल्स (निजी जानकारियां) देखने की इजाजत देती है। इसके अलावा, ये लोग ई-मेल एड्रेस, टाइम स्टांप और पूरे मैसेज भी देख सकते हैं। इन एप डेवलपर्स को यूजर की सहमति की जरूरत होती है, लेकिन कंसेंट फॉर्म (सहमति पत्र) में यह बात स्पष्ट नहीं है कि वह थर्ड पार्टी को लोगों के व्‍यक्‍तिगत जीमेल पढ़ने की अनुमति देगा।

सुरक्षा कारणों से भी पढ़े जाते हैं ई-मेल्‍स

गूगल ने बताया है कि कंपनी के कर्मचारी भी ई-मेल्स को पढ़ सकते हैं, लेकिन यह कुछ खास मामलों में होता है, जहां यूजर ऐसा करने के लिए कहता है और इसके लिए स्पष्ट सहमति भी देता है। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों से भी ई-मेल्स को पढ़ा जाता है, जैसे कि किसी बग या किसी मामले की जांच के लिए। इससे पहले ई-मेल मैनेजिंग कंपनी रिटर्न पाथ और एडिसन सॉफ्टवेयर के पास हजारों जीमेल का एक्‍सेस था जो मशीन एल्गोरिदम को डाटा हैंडल करने के लिए तैयार कर रहे थे।

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