डिसप्ले को लेकर बेहतर हो रही टेक्नोलॉजी, टेक कंपनियां बदलेंगी भविष्य में देखने का नजरिया
(भविष्य में नई तकनीक आज से बेहतर और एडवांस होंगी। टेक कंपनियां लगातार इस क्रम में काम कर रही हैं। माना जा रहा है भविष्य में यूजर का वॉचिंग एक्सपीरियंस पूरी तरह बदल जाएगी। इसकी शुरुआत प्रीमियम कंपनी एप्पल कर चुकी है। फोटो- जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। डिसप्ले और स्क्रीन को लेकर टेक्नोलॉजी कंपनियां नई- नई तकनीकों पर काम कर रही है। नई तकनीक एडवांस होगी, जिससे यूजर का वॉचिंग एक्सपीरियंस पूरी तरह बदल जाएगा। यह आज से कई बेहतर होगा। टेक्नोलॉजी कंपनियों का दावा है कि भविष्य में ऐसी तकनीक लायी जाएंगी जिनकी मदद से यूजर को डिवाइस अच्छी बैटरी लाइफ के साथ- साथ स्लिम लुक के साथ मिलेंगे।
यही नहीं धूप में भी डिवाइस का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के किया जा सकेगा। हालांकि वर्तमान में प्रीमियम कंपनी ऐप्पल ऐसी ही तकनीक के साथ augmented-reality smart glasses को पेश भी करने जा रही है, जिसमें यूजर को एक नया और बेहतर वॉचिंग एक्सपीरियंस मिलेगा।
माइक्रो-एलईडी तकनीक लाने की दिशा में टेक कंपनियां
इस कड़ी में माइक्रो एलईडी तकनीक को भी लाए जाने की राह बन रही है। दरअसल माइक्रो एलईडी तकनीक, एलईडी से से पूरी तरह से अलग है। वर्तमान में एलईडी लाइट को ही सबसे बेहतर मानते हुए इसका प्रयोग लाइटिंग इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर होता है।
इससे अलग माइक्रो एलईडी सेमीकंडक्टर से इलेक्ट्रिसिटी भेज लाइट प्रोड्यूस करती है। लाइट एमिटिंग सेमीकंडक्टर बैक्टीरियम जितना छोटा होता है। इन माइक्रोब साइज पिक्सल से ही रेड, ब्लू और ग्रीन लाइट प्रोड्यूस की जाती है।
माइक्रोएलईडी डिसप्ले के बहुत से फीचर हैं। इस तकनीक से आज के फ्लैट पैनल स्क्रीन के मुकाबले हजार गुना ज्यादा लाइट पर स्कायर मिलीमीटर के लिए प्रोड्यूस की जा सकती है।
इस तकनीक के अनेक फायदों की वजह से ही प्रीमियम कंपनी एप्पल ने माइक्रो एलईडी स्क्रीन बनाने के लिए बिलियन डॉलर्स का खर्चा किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो एप्पल इस तकनीक पर साल 2014 से ही काम करने लगी थी।
इस बेहतरीन तकनीक के साथ एप्पल अपनी वॉच अल्ट्रा को पेश कर रही है और माना जा रहा है कि आगे दूसरे डिवाइस भी इस तकनीक के साथ पेश किए जाएंगे। हालांकि इस नई तकनीक को बेहद खर्चीली माना जा सकता है।
गूगल की बात करें तो कंपनी की ओर से साल 2022 में जानकारी दी गई थी। कंपनी ने बताया था कि उसने microLED startup Raxium का अधिग्रहण किया है।
हालांकि इस तकनीक पर आगे कोई जानकारी कंपनी की ओर से नहीं दी गई। इसी तरह मेटा की ओर से भी जानकारी दी गई कि कंपनी ने यूके बेस्ड माइक्रोएलईडी स्टार्टअप के साथ अग्रीमेंट किया है। कंपनी ने कहा कि वह ग्राहकों के लिए एआर और वीआर प्रोडक्ट्स बनाएगी।
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