भारत सरकार ने Matsya Setu ऐप किया लॉन्च, आएगा मछली पालक किसानों के बहुत काम
केंद्रीय मत्स्य पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरीराज सिंह ने बुधवार को मछली पालक किसानों के लिए Matsya Setu मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस मोबाइल ऐप को ICAR और CIFA ने तैयार किया है। आइए जानते हैं इस ऐप के बारे में।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरीराज सिंह ने बुधवार को मछली पालक किसानों के लिए Matsya Setu मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस मोबाइल ऐप को ICAR और CIFA ने तैयार किया है और इसे NFDB की ओर से फंडिंग का सपोर्ट मिला है। आइए Matsya Setu मोबाइल ऐप के बारे में जानते हैं विस्तार से...
Matsya Setu मोबाइल ऐप में अलग-अलग प्रजाति के बारे में जानने के लिए ऑनलाइन सेल्फ-लर्निंग मॉड्यूल मिलेंगे। साथ ही इस प्लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ मछलियों के प्रजनन, बीज उत्पादन और ग्रो-आउट संवर्धन पर बुनियादी जानकारी देंगे। इसके अलावा ऐप में मछली पालक किसानों को छोटे वीडियो के जरिए मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बेहतर प्रबंधन, जलकृषि कार्यों में भोजन और स्वास्थ्य प्रबंधन का पालन करना सिखाया जाएगा।
Matsya Setu मोबाइल ऐप में किसान को प्रत्येक पाठ्यक्रम मॉड्यूल को पूरा करने पर ई-प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा किसान इस ऐप के माध्यम से विशेषज्ञों से सवाल पूछ सकते हैं।
कंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास करने के लिए सितंबर 2020 में प्रमुख योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की थी। पीएमएसवाई के तहत अतिरिक्त 70 लाख टन मत्स्य उत्पादन, एक लाख करोड़ रुपये मत्स्य निर्यात, अगले पांच साल में 55 लाख रोजगार सृजन आदि के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों के साथ बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा है कि Matsya Setu मोबाइल ऐप किसानों के बहुत काम आएगा। वह इस ऐप के जरिए नई तकनीक के बारे में बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और इससे उनका विकास होगा।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए मेरा राशन मोबाइल ऐप लॉन्च किया था। यह मोबाइल ऐप एंड्राइड यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इस ऐप से देश के 69 करोड़ राशन कार्ड धारकों को फायदा होगा। सरकार का मानना है कि इस मोबाइल ऐप से लोगों को बहुत फायदा होगा।
इस ऐप के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थी स्वयं यह चेक कर सकेंगे कि उनको कितना अनाज मिलेगा। इसके अलावा इस ऐप के माध्यम से जरूरतमंद यानी गरीब परिवार के लोगों को आसपास के राशन डिपो की लोकेशन के साथ-साथ राशन कार्ड पर मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
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