भारतीय सेना ने बनाया WhatsApp जैसा मैसेजिंग ऐप SAI, इस्तेमाल में होगा फुलप्रूफ सिक्योर, जानिए पूरी डीटेल
भारतीय सेना के मैसेजिंग ऐप का नाम SAI (सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट) होगा। यह ऐप एंड टू एंड सिक्योर वॉयस टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विस को सपोर्ट करेगा। यह ऐप एंड्रॉइड बेस्ड इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन के लिए होगा।
By Saurabh VermaEdited By: Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:31 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में भारतीय सेना ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय सेना की तरफ से स्वदेशी मैसेजिंग ऐप SAI विकसित किया गया है, जिसे आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा। इस ऐप की टक्कर मैसेजिंग ऐप WhatsApp से होगी। भारतीय सेना का मैजेसिंग ऐप पूरी तरह से सुरक्षित होगा। सेना इस ऐप का इस्तेमाल आपसी कम्युनिकेशन के लिए करेगी।
Indian Army has developed a simple and secure messaging application named the 'Secure Application for Internet (SAI)'. The application supports end to end secure voice, text & video calling services for Android platform over internet: Ministry of Defence
— ANI (@ANI) October 29, 2020
इन मैसेजिंग ऐप से होगी टक्करभारतीय सेना के मैसेजिंग ऐप का नाम SAI (सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट) होगा। यह ऐप एंड टू एंड सिक्योर वॉयस, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विस को सपोर्ट करेगा। यह ऐप एंड्रॉइड बेस्ड इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन के लिए होगा। मिनिस्ट्री ऑफ फिडेंस की तरफ एक जारी बयान में बताया गया कि भारतीय सेना का मैसेजिंग ऐप SAI भारत में पहले से कमर्शियली उपस्थित मैसेजिंग एप्लीकेशन WhatsApp, Telegram, SAMVAD और GIMS जैसा होगा। यह ऐप एंड टू एंड इंस्क्रिप्शन मैजेसिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करेगा।
फुलप्रूफ सिक्योर होगा ऐपसरकार की तरफ से बताया गया है कि सेना का मैसेजिंग ऐप SAI पूरी तरह से फुलप्रूफ सिक्योर होगा। इसमें लोकल इन-हाउस सर्वर और कोडिंग वाले सिक्योरिटी फीचर को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें जरूरत के हिसाब से बदला किया जाता रहेगा.
आर्मी साइबर ग्रुप ने ऐप निर्माण की दी इजाजत मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस एप्लीकेशन को CERT-in पैनल में शामिल ऑडिटर और आर्मी साइबर ग्रुप की तरफ से जांच के बाद इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। अब इस ऐप को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट (IPR) के सामने पेटेंट फाइलिंग के लिए प्रस्तावित किया गया है। इस ऐप के iOS वर्जन पर अभी काम जारी है।