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Digital Payment: UPI लेनदेन में भारत का नया रिकॉर्ड, जुलाई में हुए इतने करोड़ ट्रांजैक्शन

Digital Payment देश में तेजी से डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ रहा है। डिजिटल लेनदेन के मामले में जुलाई माह में भारत ने नया रिकॉर्ड बनाया है। इस माह सबसे ज्यादा संख्या और सबसे ज्यादा रुपये के UPI लेनदेन किए गए हैं।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2022 03:09 PM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2022 03:09 PM (IST)
Digital Payment: UPI लेनदेन में भारत का नया रिकॉर्ड, जुलाई में हुए इतने करोड़ ट्रांजैक्शन
Photo Credit - UPI Payment Plateform App

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Digital Payment: डिजिटल इंडिया की राहत में भारत फास्ट लेन में दौड़ रहा है। भारत हर गुजरते दिन के साथ यूपीआई लेनदेन के मामले में नया रिकॉर्ड बना रहा है। हालांकि जुलाई माह यूपीआई लेनदेन के लिए मील  का पत्थर साबित हुआ। दरअसल जुलाई 2022 में सबसे ज्यादा यूपीआई लेनदेन हुए हैं। इस माह यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 6 बिलियन यानी 600 करोड़ पार कर गया, जो कि एक रिकॉर्ड है।

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जुलाई में हुए 6.28 बिलियन लेनदेन 

नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई माह में 6.28 बिलियन लेनदेन हुए हैं, जो करीब 10.62 ट्रिलियन है। अगर पिछले माह के हिसाब से बात की जाएं, तो यूपीआई लेनदेन में 7.16 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। जबकि पिछले साल के मुकाबले इस साल जुलाई में यूपीआई लेनदेन दोगुना हो गया है।

जानें कैसे बढ़े डिजिटल लेनदेन 

  • अक्टूबर 2019 - 1 बिलियन 
  • अक्टूबर 2020 - 2 बिलियन
  • अगस्त 2021 - 3 बिलियन 
  • नवंबर 2021 - 4 बिलियन
  • मार्च 2022 - 5 बिलियन 
  • जुलाई 2022 - 6 बिलियन

बता दें करीब 3 साल पहले 2016 में पहली यूपीआई पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया गया था। पहली बार साल 2019 के अक्टूबर माह में भारत ने 1 बिलियन लेनदेन के आंकड़े को पार किया था। इसके एक साल बाद अक्टूबर 2020 में करीब यूपीआई लेनदेन की करीब 2 बिलियन हो गए हैं। इसके 10 माह बाद अगस्त 2021 में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 3 बिलियन हो गया। जबकि इसके तीन माह बाद नवंबर 2021 में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 4 बिलियन हो गया। इसके अगले 6 माह में मार्च 2022 में आंकड़ा पहुंचकर 5 बिलियन प्रतिमाह हो गया। इसके 6 माह बाद नवंबर 2022 में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 1 बिलियन बढ़कर 6 बिलियन हो गया। कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल लेनदेन के मामले में जोरदार इजाफा दर्ज किया गया।

वित्त वर्ष 2022 में हुए 46 बिलियन यूपीआई लेनदेन 

वित्त वर्ष 2022 में 46 बिलियन से ज्यादा यूपीआई लेनदेन हुआ, जिसकी कीमत करीब 84.17 ट्रिलियन रुपये रही। वित्त वर्ष 2021 में 22.28 बिलियन लेनदेन हुए, जिसकी कीमत करीब 41.03 ट्रिलियन रुपये रही। ऐसे में वित्त वर्ष 2022 में पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुना यूपीआई लेनदेन हुए हैं।

अगले 5 साल में हर दिन 1 बिलियन यूपीआई लेनदेन का अनुमान 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का डिजिटल पेमेंट इंडेक्ट (DPI) मार्च 2022 में बढ़कर 349.30 हो गया, जो कि सितंबर 2021 में 304.06 था। DPI इंडेक्ट को जनवरी 2021 में लॉन्च किया गया था, जो देशभर में होने वाले डिजिटल इंडेक्ट को इंडीकेट करता है। मार्च 2019 में इंडेक्स 153.47 था, जो सितंबर 2019 में बढ़कर 173.49 हो गया। इसी तरह मार्च 2020 में यह 207.94 हो गया। फिर सितंबर 2020 में 217.74 और मार्च 2021 में 270.59 हो गया। ऐसा अनुमान है कि रुपे कार्ड को यूपीआई से लिंक करने के आरबीआई के फैसले के बाद अगले 5 साल में प्रतिदिन एक बिलियन लेनदेन होने का अनुमान है, जो आने वाले दिनों में भारत में डिजिटल लेनदेन में तेज इजाफे की उम्मीद है।


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