2023 में अब तक इंटरनेट बंद रहने से भारत को करीब 2 बिलियन डॉलर का हुआ नुकसान: रिपोर्ट
इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत दुनिया के प्रमुख देशों में एक है। दुनियाभर में इंटरनेट शटडाउन पर नजर रखने वाली एजेंसी नेटलॉस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल के शुरुआती छह महीने में इंटरनेट बंद रहने के कारण देश को करीब 1.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। देश में कानून व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए इंटरनेट बंद किया जाता है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इंटरनेट शटडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। दुनियाभर में इंटरनेट शटडाउन पर नजर बनाए रखने वाली नॉन-प्रॉफिट एजेंसी Netloss ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत को इस साल जनवरी जून तक इंटरनेट शटडाउन रहने से करीब 1.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
नेटलॉस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इंटरनेट शटडाउन के चलते भारत को करीब 118 मिलियन डॉलर के विदेशी निवेश से भी हाथ धोना पड़ा है। इसके साथ ही करीब 21,000 नौकरियां गई हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट शटडाउन से देश में पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव, बेरोजगारी दर में बदलाव, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में नुकसान, भविष्य में शटडाउन के जोखिम जैसे कई कारकों को शामिल किया गया है।
शटडाउन का टूल के रूप में होता है इस्तेमाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को लगता है कि इंटरनेट शटडाउन से अशांति कम हो जाएगी, फेक इंफॉर्मेशन का प्रसार रुक जाएगा और साइबर अटैक के खतरों का नुकसान कम हो जाएगा। यह गलत है। इंटरनेट शटडाउन किसी भी देश की आर्थिक गतिविधियों को लिए बेहद विनाशकारी है।
भारत अक्सर शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इंटनेट शटडाउन को टूल के रूप में इस्तेमाल करता है। इस साल देश का शटडाउन रिक्स करीब 16 प्रतिशत है, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है।
ई-कॉमर्स और डिजिटल लेन-देन होता है प्रभावित
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट शटडाउन से ई-कॉमर्स रुक जाता है। डिजिटल लेनदेन के साथ संचार भी प्रभावित होता है, जिससे वित्तीय जोखिम बढ़ जाते हैं। बता दें कि नेटलॉस एजेंसी साल 1992 से काम कर रही है।
2023 में 84 बार हुआ इंटरनेट शटडाउन
देश में में पिछले साल 84 बार इंटरनेट बंद किया गया है। इंटरनेट शटडाउन का प्रमुख कारण हिंसा रहा। वहीं साल 2022 में सिर्फ जम्मू-कश्मीर में 49 बार इंटरनेट बंद किया गया था।
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