Internet Users in India: देश में 98% लोग लोकल भाषा में चलाते हैं इंटरनेट, OTT-सोशल मीडिया का क्रेज ज्यादा; जानें पूरी डिटेल
IAMAI और KANTAR ने भारत के इंटरनेट यूजर्स के बारे में एक रिपोर्ट छापी है। इसमें कई दिलचस्प चीजें निकलकर सामने आई हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि इस साल देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ पार हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में शहरों से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं। ग्रामीण क्षेत्र में करीब 48.8 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। ज्यादातर यूजर लोकल भाषा में कंटेंट देखना पसंद करते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत में इंटरनेट यूजर्स की तादाद लगातार तेजी से बढ़ रही है। इसमें खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले यूजर्स शामिल हैं। IAMAI और KANTAR की रिपोर्ट 'इंटरनेट इन इंडिया' के मुताबिक, भारत में 2025 के दौरान इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ के पार हो सकती है। यह रिपोर्ट बताती है कि 2024 में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 88.6 करोड़ तक पहुंच गई थी। इंटरनेट का यह विस्तार 'डिजिटल इंडिया' के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। आइए इस रिपोर्ट के खास पहलुओं पर गहराई से नजर डालते हैं।
इंटरनेट यूज के प्रमुख आंकड़े
ग्रामीण बनाम शहरी यूजर: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट यूजर शहरी क्षेत्रों की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं। 2024 में भारत में 88.6 करोड़ एक्टिव इंटरनेट यूजर थे। इनमें से 48.8 करोड़ ग्रामीण इलाकों से थे। यह देश के कुल इंटरनेट यूजर्स का 55 प्रतिशत हिस्सा है। देश में इंटरनेट यूजर्स में से 47 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस ट्रेंड से जाहिर होता है कि डिजिटल क्रांति अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांवों तक भी अपनी पहुंच बना रही है और वह भी हर वर्ग में।
औसत दैनिक उपयोग: इंटरनेट यूजर हर दिन औसतन 90 मिनट इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इसमें शहरी यूजर थोड़ा ज्यादा समय (94 मिनट) तक इंटरनेट चलाते हैं। ग्रामीण यूजर्स (89 मिनट) इस मामले में उनसे थोड़ा पीछे हैं। लेकिन, यह आंकड़ा दिखाता है कि इंटरनेट अब दैनिक जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र।
इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं लोग?
भारत में ज्यादातर यूजर ओटीटी वीडियो और म्यूजिक कंटेंट के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। चैटिंग, ईमेल और कॉल्स के साथ सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल होता है। ये एक्टिविटीज शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। साथ ही, डिजिटल पेमेंट्स और नेट कॉमर्स (ई-कॉमर्स) जैसे गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।
ओटीटी कंटेंट का उपभोग: भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म- जैसे यूट्यूब, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ता भी अब ओटीटी प्लेटफॉर्म अधिक वक्त बिता रहे हैं। किफायती स्मार्टफोन और सस्ते डेटा प्लान के साथ ये ट्रेंड काफी जोर पकड़ रहा है।
ऑनलाइन कम्युनिकेशन: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, वॉट्सऐप, और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल अब सिर्फ पर्सनल चैट तक सीमित नहीं है, बल्कि इनका कमर्शियल कामकाज के लिए भी उपयोग किया जा रहा है। रील्स बनाने का ट्रेंड शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के लोगों में समान रूप से पॉपुलर है।
डिजिटल पेमेंट्स और ई-कॉमर्स: ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल भुगतान का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद। लोग अब कैश ऑन डिलीवरी (COD) के बजाय डिजिटल वॉलेट्स और UPI का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
इंटरनेट यूज का ट्रेंड
कनेक्टेड टीवी यूजर: इंटरनेट की पहुंच बढ़ने से डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर लोग ज्यादा कंटेंट देख रहे हैं। इससे पारंपरिक टीवी यूजर घट रहे हैं। इससे पता चलता है कि लोगों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं और इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
कैश ऑन डिलीवरी में वृद्धि: ऑनलाइन शॉपिंग में कैश ऑन डिलीवरी का उपयोग बढ़ रहा है। वहीं, सोशल मीडिया के जरिए ई-कॉमर्स में कमी आई है। यह दर्शाता है कि अब लोग अधिक सुरक्षित विकल्पों का रुख कर रहे हैं।
स्थानीय भाषाओं में कंटेंट: अब ज्यादातर इंटरनेट यूजर यानी करीब 98 फीसदी स्थानीय भाषाओं में कंटेंट देखना पसंद कर रहे हैं। शहरों में हिंदी, मराठी, तमिल, गुजराती, तेलुगु, और बंगाली भाषा का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। साथ ही वॉयस कमांड का उपयोग भी तेजी बढ़ रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।\
डिजिटल न्यूज रीडरशिप: ऑनलाइन माध्यम से न्यूज और इन्फॉर्मेशन की खपत बढ़ रही है। यूजर अलग-अलग न्यूज ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से देश-दुनिया की खबरों से अपडेट हो रहे हैं।
AI का बढ़ता उपयोग: शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग बढ़ रहा है। ये लोगों की उत्पादकता और कुशलता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का विस्तार
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या दोगुनी तेजी से बढ़ रही है, जो शहरी क्षेत्रों से अधिक है। यह वृद्धि इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और सस्ते डेटा पैक की वजह से हो रही है। इससे न सिर्फ शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव भी ला रहा है।
41 फीसदी नॉन-इंटरनेट यूजर
IAMAI और KANTAR की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि देश की 41 फीसदी आबादी अभी भी इंटरनेट यूज नहीं करती है। अगर इसकी बड़ी वजहों की बात करें, तो इसमें इंटरनेट से जुड़ी जागरूकता की कमी, इंटरनेट एक्सेस प्वाइंट का उपलब्ध न होना और तकनीकी जानकारी की कमी शामिल हैं। हालांकि, सरकार इस दिशा में जरूरी प्रयास कर रही है। यही वजह है कि इस साल इंटरनेट यूजर की संख्या 90 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
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