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    विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फोन उत्पादक देश बना भारत, 200 करोड़ यूनिट निर्माण का आंकड़ा हुआ पार

    भारत में स्मार्टफोन निर्माण का दौर बहुत पहले शुरू हो गया था। देश ने स्मार्टफोन निर्माण का एक लंबा सफर तय कर लिया है। पॉपुलर स्मार्टफोन कंपनियां सैमसंग एपल शाओमी ओप्पो नथिंग के स्मार्टफोन भारत में बनाए जा रहे हैं। आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फोन उत्पादक देश बन गया है। देश में 200 करोड़ से ज्यादा यूनिट का निर्माण हो चुका है।

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 11:00 AM (IST)
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    विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फोन उत्पादक देश बना भारत

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति की राह पर अग्रसर है। फोन निर्माण को लेकर देश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फोन उत्पादक देश बन गया है। देश में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की पहल शुरू की है।

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    सैमसंग से लेकर नथिंग तक मेड इन इंडिया हैं स्मार्टफोन

    मालूम हो कि भारत में स्मार्टफोन निर्माण का दौर बहुत पहले शुरू हो गया था। देश ने स्मार्टफोन निर्माण का एक लंबा सफर तय कर लिया है। पॉपुलर स्मार्टफोन कंपनियां सैमसंग, एपल, शाओमी, ओप्पो, नथिंग के स्मार्टफोन भारत में बनाए जा रहे हैं।

    इसी कड़ी में काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अब फोन निर्माण का यह आंकड़ा 2 बिलियन यानी 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक शिपमेंट ने 23% सीएजीआर दर्ज किया है।

    काउंटरप्वाइंट रिसर्च की इस रिपोर्ट में सरकार की मेक इन इंडिया, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं का जिक्र किया गया है।

    लोकल डिमांड हो रही है बेहतर तरीके से पूरी

    काउंटरप्वाइंट रिसर्च के डायरेक्टर तरुण पाठक के मुताबिक देश में लोकल मैन्युफैक्चरिंग साल दर साल बढ़ती ही रही है। देश में लोकल मैन्युफैक्चरिंग की बदौलत ही लोकल डिमांड को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सका।

    साल 2022 में भारत के बाजारों में मेड इन इंडिया डिवाइस का शिपमेंट 98 प्रतिशत से अधिक रहा है। साल 2014 में यही आंकड़ा केवल 19 प्रतिशत का हुआ करता था।

    मेक इन इंडिया के बदौलत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र को मिली नई राह

    देश में मेक इन इंडिया पहल की ही बात करें तो सरकार ने इस पहल में मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम को चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया। सरकार ने देश के बाहर से बने यूनिट पर इम्पोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया।