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    Huawei और ZTE पर लगे बैन से प्रभावित होगा ये बड़ा देश, स्मार्टफोन बाजार में भी होगा बदलाव

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Sat, 18 Mar 2023 01:35 PM (IST)

    नई रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि चीनी कंपनी हुवावे और ZTE को जर्मनी में बैन कर दिया है। इससे जर्मनी के मोबाइल नेटवर्क पर काफी प्रभाव पड़ा है। आइये जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला..(जागरण फोटो)

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    China ban some component of Huawei and ZTE in Germany, know the details here

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। नई रिपोर्ट में पता चला है कि जर्मनी में हुवावे और ZTE के कुछ कॉम्पोनेंट को बैन कर दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट ने बताया कि जर्मन अर्थव्यवस्था मंत्रालय के पत्र के अनुसार, चीनी कंपनियों हुवावे और जेडटीई द्वारा कुछ कॉम्पोनेंट पर प्रतिबंध लगाने से जर्मनी के मोबाइल नेटवर्क पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, अगर उन्हें बड़े पैमाने पर बदलना पड़े। 

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    प्रभावित होंगे ये क्षेत्र

    जर्मनी सरकार वर्तमान में टेलीकॉम टेक सप्लायर्स की समीक्षा कर रही है, जो कहती है कि यह विशिष्ट निर्माताओं के लिए निर्देशित नहीं है। संसद की आर्थिक समिति के निचले सदन बुंडेस्टाग को लिखे पत्र में कहा गया है कि अगर प्रतिबंध या नियमन के परिणामस्वरूप व्यापक परिवर्तन की जरूरत हुई, तो मोबाइल नेटवर्क के संचालन और कवरेज जरूरतों की पूर्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।

    हटाए जाएंगे कॉम्पोनेंट

    मंत्रालय ने यह भी कहा कि मोबाइल ऑपरेटरों और अन्य आर्थिक खिलाड़ियों पर सही -सही प्रभाव का आकलन करना संभव नहीं है, क्योंकि यह व्यक्तिगत निर्णयों के साथ-साथ सयम पर भी निर्भर करता है। सरकार की समीक्षा से ऑपरेटरों को 5G नेटवर्क में पहले से निर्मित कॉम्पोनेंट को हटाने और बदलने के लिए कहा जा सकता है। इतना ही नहीं वर्तमान कानून के तहत, उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलेगा।

    सुरक्षा को करेंगे प्रभावित

    आलोचकों का कहना है कि बीजिंग की सुरक्षा सेवाओं के साथ हुवावे और जेडटीई के करीबी संबंधों का मतलब है कि उन्हें मोबाइल नेटवर्क में एम्बेड करने से चीनी जासूसों और यहां तक कि तोड़फोड़ करने वालों को आवश्यक बुनियादी ढांचे तक पहुंच मिल सकती है।

    बता दें कि हुवावे, जेडटीई और चीन की सरकार ऐसे दावों को खारिज करते हुए कहती हैं कि वे गैर-चीनी प्रतिद्वंद्वियों का समर्थन करने की संरक्षणवादी इच्छा से प्रेरित हैं।