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    OTP वेरिफिकेशन से क्यों अलग है WhatsApp Passkeys, जानिए कैसे करता है काम

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Thu, 21 Sep 2023 09:30 PM (IST)

    WhatsApp भारत में लाखों लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में कंपनी ने एंड्रॉइड बीटा यूजर्स के लिए पासकी फीचर को पेश किया है। ये सुविधा नए डिवाइस में लॉगइन करने के समय काम आएगी खासकर तब जब आपको OTT आधारित वेरिफिकेशन के काम न करने की स्थिति में मददगार होगा। आइये जानते हैं कि WhatsApp पासकी कैसे OTP वेरिफिकेशन से अलग है।

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    OTP वेरिफिकेशन से क्यों अलग है WhatsApp Passkeys

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। जैसा कि हम जानते हैं कि वॉट्सऐप ने हाल ही में एंड्रॉइड पर कुछ बीटा टेस्टर्स को नए पासकी फीचर की सुविधा दी है। ये फीचर नए डिवाइस में वॉट्सऐप को लॉगइन करते समय काम आएगा।

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    जैसा कि हम जानते हैं कि मेटा का इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पहले से ही यूजर्स को अपने अकाउंट में लॉग इन करने के लिए एक SMS-आधारित ओटीपी वेरिफिकेशन की सुविधा देता है। मगर कभी ऐसी परिस्थितियां भी हो सकती हैं, जहां हमारे पास कोई सेल्युलर या इंटरनेट कनेक्टिविटी न हो।

    ऐसे में अगर आपको किसी अन्य डिवाइस पर अपने वॉट्सऐप अकाउंट में लॉग इन करना पड़े और आपको प्राइमरी डिवाइस पर OTP ना मिल रहा हो तो ऐसे में पासकी काम में आती हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।

    क्या है WhatsApp Passkeys

    वॉट्सऐप ने केवल कुछ एंड्रॉइड बीटा टेस्टर्स के लिए पासकीज फीचर को रोल आउट करना शुरू कर दिया है। मगर उम्मीद है कि आने वाले समय में नए अपडेट के साथ यह फीचर स्टेबल वर्जन में अन्य यूजर्स के लिए भी उपलब्ध होगा।

    यह भी पढ़ें - WhatsApp Passkey Feature: ऐप पर लगा अब पक्का ताला, लाख कोशिशें भी बेकार; नहीं होगा अकाउंट का गलत इस्तेमाल

    पासकी ओटीपी वेरिफिकेशन से अलग है WhatsApp Passkeys

    • वॉट्सऐप के नए फीचर्स की जानकारी देने वाली वेबसाइट WABetaInfo से पता चला है कि पासकी फीचर वॉट्सऐप अकाउंट में सुरक्षित रूप से साइन इन करने का एक आसान तरीका होगा। वेबसाइट पर एक स्क्रीनशॉर्ट में फीचर के काम करने के तरीकों को भी बताया गया है।
    • वॉट्सऐप पासकी आपकी पहचान के लिए नंबरों या कैरेक्टर्स के कॉम्बिनेशन का उपयोग करेगी। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि केवल ऑर्थराइज डिवाइस को ही वेरिफाई किया जा सके। इसके साथ आप अपने वेरिफिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट, फेस या स्क्रीन लॉक जैसी बायोमेट्रिक जानकारी जोड़ने देगा।
    • पासकी को पासवर्ड मैनेजर में सुरक्षित रूप से बनाया और सुरक्षित किया जा सकता है। यह यूजर्स को स्कैमर्स की पहुंच से दूर रखता है।
    • वहीं अगर SMS-आधारित OTP वेरिफिकेशन की बात करें तो जब भी यूजर अपने वॉट्सऐप अकाउंट में लॉग इन करते हैं, तो उन्हें ओटीपी के लिए एक नंबर दर्ज करना होगा।
    • वॉट्सऐप अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी उसी नंबर पर भेजता है। यूजर्स को अपने वॉट्सऐप अकाउंट में साइन इन करने के लिए उस ओटीपी को दर्ज करना जरूरी होगा।

    कैसे काम कर सकता है WhatsApp Passkeys

    Google पहले से ही Gmail के लिए एक समान सिस्टम देता है, जो पारंपरिक पासवर्ड के बजाय आपको फिंगरप्रिंट-आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके अकाउंट में लॉग इन करने देता है। बता दें कि ज्यादातर Android डिवाइस Google के ऑटोफिल का उपयोग करते हैं।

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