कैसे काम करता है आपका Google सर्च, यहां जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
Google पर आप जब तक लिखना खत्म करें उससे पहले ही Google दिखाए जाने वाले नतीजों का पता लगा लेता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कैसे Google आपके काम की जानकारी खोज निकालता है। दरअसल Google सर्च के लिए तीन चीजें मायने रखती हैं।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google पर जब आप वेब पर कुछ खोजते हैं, तो आपको उपयोगी जानकारी वाले हज़ारों या कभी-कभी लाखों वेबपेज मिलते हैं। आप जब तक लिखना खत्म करें, उससे पहले ही Google दिखाए जाने वाले नतीजों का पता लगा लेता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कैसे Google आपके काम की जानकारी खोज निकालता है। दरअसल Google सर्च के लिए तीन चीजें मायने रखती हैं। इसमें क्रॉलिंग, इंडेक्स के अलावा एल्गोरिदम शामिल है।
क्या होता है क्रॉलिंग
क्रॉलर एक सॉफ्टवेयर बेस्ड प्रॉसेस है, जो तय करता है कि किन वेबसाइट को सर्च लिस्ट में दिखाना है। किन साइट को क्रॉल करना है, कितनी बार क्रॉल करना है और हर साइट से कितने पेज लाने हैं। Google कभी भी किसी साइट को ज़्यादा क्रॉल करने के पैसे नहीं लेता है। साधारण शब्दों में कहें, तो क्राउलिंग अच्छा जानकारी वाले वेब पेज को एक जगह स्टोर करता है, इस प्रक्रिया का क्रॉलिंग कहते हैं।
इंडेक्स करके जानकारी व्यवस्थित करना
यह बिल्कुल हमारी किताब के इंडेक्ट की तरह होता है। जहां मौजूद होता है आखिर किस जगह कौन सा वेबपेज मौजूद है। इसकी मदद से Google को सटीक जवाब ढ़ूढ़ने में मदद मिलती है। वेब पेज सर्च के लिए अच्छे की-वर्ड, अच्छी हेडलाइन और फ्रेश कंटेट की जरूरत होती है।
सर्च एल्गोरिदम कैसे काम करते हैं
वेब पर मौजूद असीमित सामग्री को देखते हुए, उसे सिलसिलेवार मुहैया कराने में किसी तरह की मदद के बिना अपनी ज़रूरत की चीज़ खोज पाना करीब-करीब नामुमकिन है। Google रैंकिंग सिस्टम ठीक यही काम करने के लिए बनाए गए हैं। ये सिस्टम हमारी सर्च इंडेक्स में सैकड़ों अरबों वेबपेजों को क्रम से लगाते हैं, ताकि आपको काम के और फ़ायदेमंद नतीजे झटपट मिल सकें। साथ ही, इन पेजों को इस तरह दिखाया जाता है कि आपको खोजी जा रही चीज़ पाने में देर न लगे।
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