कौन हैं 'भुतहा हैकर्स', जिनके निशाने पर हैं मरे हुए लोग, छिपा है ये मकसद
स्कैम का एक नया तरीका आ गया है। जिसमें घोस्ट हैकर्स मरे हुए व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं। ये हैकर्स मृतक के सोशल मीडिया अकाउंट का एक्सेस लेने की कोशिश करते हैं। एक बार एक्सेस मिल जाने के बाद दूसरों के पास मैसेज करते हैं और उन्हें चंगुल में फंसाते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म इसे रोकने के लिए Memorialization या अकाउंट डिलीट करने का फीचर देते हैं।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय में साइबर क्राइम के मामलों में तेजी आई है। स्कैमर्स लोगों के साथ ठगी करने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। स्कैमर्स हतकंडे अपनाकर आम लोगों की निजी जानकारी में सेंधमारी करने की कोशिश करते हैं। अब इन दिनों एक नया स्कैम मार्केट में आ गया है, जो जिंदा लोगों की बजाय मरे हुए लोगों के साथ हो रहा है।
आप कहेंगे क्या अजीब बात है भला ऐसा कैसे हो सकता है? जी हां, पहली बार सुनने में ये अजीब लग सकता है। लेकिन इन दिनों मार्केट में 'भुतहा हैकर्स' की गैंग घूम रही है। ये गैंग बड़ी ही चालाकी से मरे हुए लोगों को निशाने पर लेती है। यह स्कैम क्या है और स्कैमर्स ऐसा क्यों कर रहे हैं। आइए जानते हैं।
क्या है 'भुतहा हैकर्स' की गैंग
भुतहा हैकर (Ghost hacker) उन लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट को निशाना बनाते हैं, जो लोग मर चुके हैं। इनका मकसद मरे हुए व्यक्ति की निजी जानकारियां चुराने का होता है। अगर किसी मरे हुए व्यक्ति की पर्सनल डिटेल इनके हाथ लग जाती है, तो यह उसके सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करके फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं। स्कैमर्स मरे हुए व्यक्ति के अकाउंट से किसी के पास भी मैसेज करते हैं और पैसों की डिमांड करते हैं।
सोशल अकाउंट को बनाते हैं निशाना
मसलन, स्कैमर्स ऐसा जाल बिछाते हैं जिसमें कोई न कोई फंस ही जाता है। ये ऐसे लोगों को फंसाने के लिए निशाने पर लेते हैं, जिसका मरे हुए व्यक्ति से दूर-दूर तक कनेक्शन न हो। अकाउंट का एक्सेस लेने के बाद स्कैमर्स सबसे पहले लोगों के साथ सोशल मीडिया के जरिये जान-पहचान बनाते हैं। और जब इन्हें लगता है कि अब स्कैम को अंजाम दिया जा सकता है, तो ये अपना असली काम शुरू कर देते हैं। ठगी करने वाले स्कैमर्स को पकड़ना भी आसान नहीं होता है। क्योंकि एक बार स्कैम को अंजाम देने के बाद ये गायब हो जाते हैं।
क्या है बचने का तरीका?
इस तरह के स्कैम से बचने का तरीका है कि व्यक्ति के मरने के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट का एक्सेस ले लिया जाए। फेसबुक व्यक्ति के मरने के बाद अकाउंट को नॉमिनी के रूप में इस्तेमाल करने की परमिशन देता है। सेटिंग में जाकर 'Memorialization' में दो ऑप्शन मिलते हैं। पहला 'Memorialize यानी इसमें किसी व्यक्ति को नॉमिनी चुना जा सकता है।
दूसरा अकाउंट डिलीट का ऑप्शन है। इनमें से एक ऑप्शन सेलेक्ट करके आगे बढ़ेंगे तो लगेसी कॉन्टैक्ट चुनने का विकल्प आएगा। जिसमें किसी भी फैमिली मेंबर, दोस्त या किसी अपने को सेलेक्ट किया जा सकता है। फेसबुक की तरह इंस्टाग्राम भी 'Memorialization' फीचर देता है।
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