Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Youtube बन रहा है हैकर्स का नया हथकंडा, ठगी के लिए हो रहा है एआई वाली वीडियो का इस्तेमाल

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Tue, 14 Mar 2023 11:51 AM (IST)

    cyber fraud using AI generated videos बीते साल नवंबर से ही ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं जिनमें एआई वाले वीडियो का इस्तेमाल कर यूजर्स से ठगी की जा रही है। हैकर्स के निशाने पर कम पढ़े-लिखे यूजर ही नहीं बल्कि पढ़े- लिखे यूजर्स भी हैं। (फोटो- जागरण)

    Hero Image
    hackers are stealing the data by Youtube Using AI generated videos, Pic Courtesy- Jagran File

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रूप में एक नया खतरा पैदा हो रहा है। साइबर अपराधी कम पढ़े-लिखे यूजर्स ही नहीं बल्कि पढ़े- लिखे यूजर्स को भी एक नए तरीके से अपने शिकंजे में फंसा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट्स का दावा है कि बीते साल नवंबर से ही एआई द्वारा जेनेरेट किए गए कंटेंट का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी यूजर्स से ठगी कर रहे हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि हैकर्स एआई जेनेरेटेड वीडियो का इस्तेमाल  पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब पर कर रहे हैं, जहां यूजर्स से धोखे से मालवेयर डाउनलोड करवाया जा रहा है।

    Vidar, RedLine, और Raccoon मालवेयर का इस्तेमाल

    एक आईटी सिक्योरिटी इंटेलिजेंस कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक मालवेयर वाले ऐसे वीडियो की संख्या में हर महीने 200 से 300 प्रतिशत तक का इजाफा हो रहा है।

    ऐसे वीडियो में यूजर की निजी जानकारियों को चुराने के लिए Vidar, RedLine, और Raccoon जैसे मालवेयर का इस्तेमाल हुआ है।

    साइबर अपराधी ऐसे फंसा रहे हैं यूजर्स को अपने जाल में

    रिपोर्ट में सामने आया है कि यूजर्स को ट्यूटोरियल वीडियो का झांसा दिया जाता है। इन वीडियो में यूजर्स को Photoshop, Premiere Pro, Autodesk 3ds Max, AutoCAD के पेड वजर्न को क्रैक करने वाले वर्जन को डाउनलोड करने का लालच दिया जाता है। यह ट्यूटोरियल वीडियो में स्क्रीन रिकॉर्डिंग और ऑडियो वॉकथ्रू का इस्तेमाल कर यूजर को स्टेप बाई स्टेप डाउनलोडिंग प्रोसेस बताया जाता है।

    यही नहीं, यूजर की विश्वास जीतने के लिए Synthesia और D-ID जैसे प्लेटफॉर्म से एआई-जेनेरेटेड वीडियो का इस्तेमाल ट्यूटोरियल वीडियो में किया जा रहा है।

    फेक वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवा रहे हैं हैकर्स

    ट्यूटोरियल वीडियो के डिस्क्रिप्शन में हैकर्स फेक वेबसाइट का लिंक शेयर कर रहे हैं। जैसे ही यूजर फेक वेबसाइट से मालवेयर को काम का सॉफ्टवेयर समझ कर डाउनलोड करते हैं, मालवेयर यूजर के सिस्टम में एंटर हो जाता है। जहां यूजर्स की जानकारियों को अपराधी अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।

    किस तरह की जानकारियों को चुरा रहे हैं हैकर्स

    एआई-जेनेरेटेड वीडियो का इस्तेमाल कर हैकर्स यूजर्स की निजी और संवेदनशील जानकारियों को चुरा रहे हैं। इन जानकारियों में पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, बैंक अकाउंट नंबर जैसे जानकारियां हैकर्स का निशाना होती हैं।