कौन कर सकता है आपका फोन टैप और वॉट्सऐप ट्रैक, जान लें ये जरूरी नियम
PHONE TAPPING फोन और सोशल मीडिया टैपिंग को लेकर कई मौकों पर शिकायत दर्ज की गई है। इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस पर भी भारतीयों की जानकारी ट्रैक करने का आरोप लग चुका है जिसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ था।

नई दिल्ली, पीटीआई। मौजूदा डिजिटल दौर में वर्चुअली कौन आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी पर ऩजर रख रहा है। इस बारे में जानकारी हासिल करना मुश्किल होता है, जो कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक भी साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार ने संसद में एक बयान जारी करके जानकारी दी कि आखिर कौन आपकी डिवाइस में स्टोर जानकारी एक्सेस कर सकता है? जिससे यूजर्स गलत हाथों में जानकारी जाने से रोक सकते हैं।
सरकार ने दी सफाई
केंद्र सरकार ने फोन, कंप्यूटर और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ट्रैकिंग की गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया गया कि केवल अथॉराइज्ड लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसीज को डिजिटल इन्फॉर्मेंशन एक्सेस हासिल करने का अधिकार प्राप्त है। इन एजेंसी को तय करना होगा है कि अगर जरूरी हैं, तो वो देश में किसी भी व्यक्ति के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप को ट्रैक कर सकती हैं। साथ ही किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे टेलिफोन और कंप्यूटर की ट्रैकिंग करने का अधिकार दिया गया है।इसमें किसी भी इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन इन्फॉर्मेंशन को एक्सेस करने की छूट दी गई है।
कौन सी जानकारी एजेंसी कर सकती हैं ट्रैक
केंद्री गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से एक सवाल पूछा गया था कि आखिर क्या किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को अधिकार प्राप्त है कि वो किसी भी डिजिटल इंन्फॉर्मेंशन जैसे वॉट्सऐप कन्वर्सेशन को डीक्रिप्ट कर सकती है। इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि केवल अथॉराइज्ड लॉ इन्फोर्समेंट को छूट दी गई है कि इलेक्ट्रॉनिक इन्फॉर्मेंशन के किसी भी रूप को इंटरसेप्ट, मॉनिटर और डीक्रिप्ट कर सकते हैं। इन्फॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2020 के सेक्शन 69 के लीगल प्रोविजन के मुताबिक किसी भी कंप्यूटर में जनरेटेड इन्फॉर्मेंशन, ट्रांसमिटेड, रिसीव्ड और स्टोर इन्फॉर्मेंशन को एक्सेस किया जा सकेगा। बता दें कि कुछ वक्त पहले खबर थी कि इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस भारतीयों की जानकारी ट्रैक कर रही है। जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था।
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