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ऑनलाइन गैंबलिंग: जुए वाले गेम पर लगेगी लगाम, सरकार ने कड़े किए नियम

आजकल ऐसे कई आनलाइन गेम हैं जो लाखों-करोड़ों रुपये जीतने का प्रलोभन देते हैं। यदि आप भी गैंबलिंग और फैंटेसी गेम एप में पैसे लगाते हैं तो बता दें केंद्र सरकार अब इन पर लगाम लगाने जा रही है। जानें आनलाइन गेमिंग को लेकर क्या है सरकार का नया कदम...

By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Tue, 11 Apr 2023 07:23 PM (IST)
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New gaming rules for controlling gambling games, know the details here
नई दिल्ली, संतोष आनंद। इस समय देश में इंडियन क्रिकेट लीग (आइपीएल-2023) चल रहा है। आइपीएल मैच के दौरान आपने भी गौर किया होगा कि कई गेमिंग प्लेटफार्म टीम बनाकर खेलने पर लाखों-करोड़ों रुपये जीतने का लालच दे रहे हैं। इन गेम में खेलने के लिए पहले पैसा लगाना होता है। यह काम स्वयं के जोखिम पर होता है। हालांकि सरकार अब इस तरह पैसे लगाने वाले या सट्टेबाजी वाले गेम पर लगाम लगाने की तैयारी में है।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले दिनों सेल्फ रेगुलेटेड आर्गेनाइजेशन (एसआरओ) का एक प्रारूप जारी किया। इसमें आनलाइन गेमिंग गतिविधियों से जुड़े कई एसआरओ बनाये जाएंगे। लोगों को गेमिंग की लत, वित्तीय नुकसान और वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम से बचाने के लिए एसआरओ को एक रूपरेखा प्रकाशित करनी होगी।

एसआरओ करेंगे गेम की जांच पड़ताल

गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर ऐसे कई मोबाइल या आनलाइन गेम मौजूद हैं, जो यूजर को सट्टा/जुआ खेलने का लालच देते हैं। अक्सर लोग सट्टेबाजी में अपनी मेहनत की कमाई हार जाते हैं, मगर किसी से शिकायत नहीं कर पाते। इसका कारण यह है कि आनलाइन गेमिंग या आनलाइन सट्टेबाजी के लिए देश में किसी तरह के नियम नहीं हैं। इसी वजह से कुछ आनलाइन गेमिंग कंपनियां लाखों-करोड़ों जीतने का सपना दिखाकर लोगों को लूट रही हैं। इस बारे में अब सरकार ने सख्ती दिखाई है।

आइटी अधिनियम-2021 में संशोधन को लेकर कहा गया है कि भारत में उपलब्ध मोबाइल या कंप्यूटर गेम्स में अब सट्टेबाजी या जुए की अनुमति नहीं दी जाएगी। आनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी और फ्राड को लेकर केंद्र सरकार ने 2021 के आइटी नियमों के तहत नये नियम जारी किए थे। अब नए नियम में 'गेम आफ चांस' यानी पैसे जीतने या हारने वाले खेल को बंद करने के लिए एक खास कमेटी बनाई जाएगी। कौन-सा गेम चलता रहेगा और कौन-सा गेम देश में प्रतिबंधित होगा, इस बारे में निर्णय एसआरओ लेगा।

कौन होंगे एसआरओ में

नए नियम के दायरे में सभी आनलाइन गेमिंग कंपनियां आएंगी। सेल्फ रेगुलेटरी आर्गेनाइजेशन (एसआरओ) आनलाइन गेम की जांच-पड़ताल करेगा। इस संगठन में केवल गेमिंग से जुड़े लोग ही नहीं, बल्कि मनोचिकित्सक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद आदि भी शामिल होंगे। आनलाइन गेमिंग से जुड़े यूजर्स चाहें, तो एसआरओ के पास अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। यह एक तरह से आनलाइन गेमिंग के लिए सेंसर बोर्ड की तरह काम करेगा।

केवाइसी होगा जरूरी

नए नियम के तहत केवाइसी अनिवार्य कर दिया गया है, खास कर ऐसे आनलाइन गेम के लिए, जिसमें यूजर्स से पैसा लिया जाता है या फिर गेम से पैसा जुड़ा हुआ है। यदि किसी गेम को एसआरओ से अनुमति नहीं मिली है, तो फिर उसे गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से हटाया भी जा सकता है।

बड़ा है गेमिंग का बाजार

भारत में लगभग 40 करोड़ लोग आनलाइन गेम खेलते हैं। साथ ही, भारतीय मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री को 2025 तक पांच अरब अमेरिकी डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2017 और 2020 के बीच देश की मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री 38 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी है, जबकि चीन में यह वृद्धि मात्र आठ प्रतिशत और अमेरिका में 10 प्रतिशत थी। इतना ही नहीं, पिछले दो वर्षों से भारत में गेमिंग के लिए भुगतान करने वाले यूजर्स का अनुपात दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ा है। यह 2020 में 40 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 50 प्रतिशत हो गया।

फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पेमेंट आधारित खेलों के राजस्व में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि भुगतान करने वाले खिलाड़ियों की संख्या 2020 में आठ करोड़ से बढ़कर 2021 में 9.5 करोड़ हो गई। मोबाइल गेमिंग रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, आनलाइन गेम खेलने वालों में उत्तर प्रदेश के लोग सबसे आगे हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और बंगाल का स्थान है।

गेमिंग से हो सकते हैं कई नुकसान

  • फ्री वर्जन वाले गेम से मालवेयर और वायरस का खतरा।
  • साइबर क्रिमिनल कर सकते हैं आइडेंटिटी की चोरी।
  • गेम के लिए समान लागइन और पासवर्ड का उपयोग करते हैं तो हो सकती है इसकी चोरी।
  • फ्री गेम एप से हैकर्स कर सकते हैं डेटा की चोरी।
  • चैटिंग के दौरान फिशिंग ईमेल से लुभाने की होती है कोशिश।
  • डाटा का उपयोग साइबर बुलिंग के लिए किया जा सकता है।

खतरनाक गेम से बचाएं स्वयं को

  • हमेशा मजबूत पासवर्ड बनाएं।
  • टू-फैक्टर आथेंटिकेशन का उपयोग करें।
  • निजी जानकारियों को बचाकर रखें।
  • अनाधिकारिक स्रोत से एड-आन, चीट कोड आदि को डाउनलोड ना करें।
  • छिपे हुए शुल्क के बारे में जानकर ही गेम खेलना शुरू करें।
  • साफ्टवेयर को अपडेट करना ना भूलें।
  • वीपीएन की मदद से गेम को डाउनलोड और खेलने से बचें।