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    Alert! गूगल क्रोमबुक्स यूजर्स के सिर पर मंडराया एक नया खतरा, भारत सरकार ने जारी किया अलर्ट

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 10:30 AM (IST)

    भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने एक जरूरी अपडेट जारी किया है। यह अपडेट गूगल क्रोमबुक्स और दूसरे क्रोम डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए जारी हुआ है। CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने गूगल क्रोमओएस में कई खामियों को पाया है।

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    भारत सरकार ने इन यूजर्स के लिए जारी किया अलर्ट, तुरंत करना होगा ये काम

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने एक जरूरी अपडेट जारी किया है।

    यह अपडेट गूगल क्रोमबुक्स और दूसरे क्रोम डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए जारी हुआ है। CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने गूगल क्रोमओएस में कई खामियों को पाया है। इन खामियों को भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने  High severity के साथ मार्क किया गया है।

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    क्रोमओएस के किस वर्जन में पाई गई खामी

    क्रोमओएस वर्जन 120.0.6099.314 (platform Version: 15662.111) के पहले सभी वर्जन के लिए इस खतरे को पाया गया है। CERT-In ने क्रोम यूजर्स को क्रोमओएस का लेटेस्ट अपडेट इंस्टॉल करने की सलाह दी है।

    दरअसल, क्रोमओएस गूगल क्रोमबुक्स और दूसरे क्रोम डिवाइस के लिए एक क्वालउड बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है।

    यूजर्स को क्या करना होगा

    भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Indian Computer Emergency Response Team) का कहना है कि बग से डिवाइस की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी अपडेट को इंस्टॉल करना होगा।

    गूगल की ओर से क्रोमओएस के लिए अभी 120.0.6099.314 (Platform Version: 15662.111) लेटेस्ट वर्जन रिलीज किया गया है। यह लेटेस्ट वर्जन इस बग को फिक्स करने के साथ रिलीज किया गया है।

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    साइबर अपराधी उठा सकते हैं खामियों का फायदा

    CERT-In का कहना है कि क्रोमओएस के एलटीएस चैनल में कई तरह की खामियों को पाया गया है। इन खामियों का फायदा उठाकर साइबर अपराधी टारगेट किए गए सिस्टम पर मनमाना कोड एग्जिक्यूट कर सकते हैं।

    यानी कि साइबर अपराधी कुछ ऐसे वेब पेज को क्रिएट कर सकते हैं, जिन पर विजिट करने के साथ ही क्रोमओएस के साथ यूजर्स को ठगा जा सकेगा।

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