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    सरकार ने गलत सूचना फैलाने वाले 8 YouTube चैनलों पर लगाया बैन, यहां जानें क्या है पूरा मामला

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 07:34 PM (IST)

    भारत सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग को लेकर गलत सूचना फैलाने वाले 8 चैनलों को बैन कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन चैनलों के कुल 23 मिलियन सब्सक्राइबर्स है। ऐसे ही एक चैनल एजुकेशनल दोस्त सरकारी योजनाओं के बारे में गलत जानकारी फैला रहा था। इसके 3.43 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

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    सरकार ने गलत सूचना फैलाने वाले 8 YouTube चैनलों पर लगाया बैन

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। जैसा कि हम जानते हैं कि सरकार ऐसे सोशल मीडिया चैनल या पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए बैन लगा देते हैं। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए सरकार ने 8 यूट्यूब चैनल को बैन कर दिया है।

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    कहा जा रहा है कि ये पहले ही लोकसभा चुनाव की घोषणा और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर प्रतिबंध लगाने जैसी फर्जी खबरें फैला रहै है। इस चैनल्स के सब्सक्राबर्स की संख्या लगभग 23 मिलियन थी।

    इन यूट्यूब चैनल पर लगा बैन

    प्रतिबंधित यूट्यूब चैनलों की सूची- कैपिटल टीवी, केपीएस न्यूज, सरकारी व्लॉग, अर्न टेक इंडिया, एसपीएन9 न्यूज, एजुकेशनल दोस्त और वर्ल्ड बेस्ट न्यूज शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि झूठी खबरें फैलाने के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा यूट्यूब चैनलों पर वीडियो की तथ्य-जांच की गई थी।

    लाखों में हैं चैनलों के सब्सक्राइबर्स

    अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ल्ड बेस्ट न्यूज यूट्यूब चैनल भारतीय सेना को गलत तरीके से पेश करता पाया गया है। इसके 17 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और 18 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं।

    3.43 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स और 23 करोड़ व्यूज वाला चैनल एजुकेशनल दोस्त सरकारी योजनाओं के बारे में गलत जानकारी फैला रहा था। SPN9 न्यूज यूट्यूब चैनल, जिसके 4.8 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं और 189 करोड़ व्यूज हैं, राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों से संबंधित फर्जी खबरें फैला रहा था।

    अधिकारियों ने बताया कि 45 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और 9.4 करोड़ से ज्यादा व्यूज वाला चैनल Sarkari Vlog सरकारी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें फैलाता पाया गया।

    रसोई गैस सिलेंडर से जुड़ी सरकारी जानकारी

    चैनल 'केपीएस न्यूज' जिसके 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और 13 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं, वह सरकार से जुड़ी योजनाओं, आदेशों और फैसलों जैसे 20 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर और 15 रुपये प्रति लीटर में पेट्रोल की उपलब्धता के बारे में फर्जी खबरें फैला रहा है।

    'कैपिटल टीवी', जिसके 35 लाख से अधिक ग्राहक हैं और 160 करोड़ से अधिक बार देखा गया है, प्रधानमंत्री, सरकार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की घोषणा से संबंधित आदेशों के बारे में फर्जी खबरें भी प्रचारित कर रहा था।

    इसके अलावा, 3 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स और 100 मिलियन से अधिक व्यूज वाला यूट्यूब चैनल 'यहां सच देखो' चुनाव आयोग और भारत के मुख्य न्यायाधीश के बारे में रिपोर्टिंग कर रहा था। 'अर्न इंडिया टेक' जिसके 31,000 ग्राहक हैं और 3.6 मिलियन व्यूज हैं, को आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य से संबंधित फर्जी खबरें प्रचारित करते हुए पाया गया।