Google का सुपर प्लान: भारत बनेगा AI का ग्लोबल हब, फंडिंग और टेक्नोलॉजी के साथ रोडमैप करेगा तैयार
गूगल भारत के AI इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सहयोग और फंडिंग देगा। गूगल ने स्वास्थ्य सेवा के लिए DPI में AI इंटीग्रेशन के लिए $400,000 की फंडिंग की ...और पढ़ें

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गूगल भारत के AI इकोसिस्टम को मजबूत करेगा। इसके लिए उसने अपने लैब-टू-इंपैक्ट इवेंट में सहयोग और फंडिंग देने का एलान किया है। गूगल के इस प्रोग्राम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित थे। इस दौरान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के सपोर्ट और राष्ट्रीय चुनौतियों को हल करने के लिए रिसर्च, डेवलपर और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए गूगल के रिसर्च आधारित दृष्टिकोण पर विस्तृत चर्चा हुई।
गूगल डीपमाइंड के सीनियर रिसर्च डायरेक्टर, डॉ. मनीष गुप्ता ने कहा, "मानवता की प्रगति के लिए AI पावरफुल फोर्स में से एक है। गूगल का मनना है कि एआई का विकास तीन बड़े बदलावों से आगे बढ़ रहा है। पहला, यह वैज्ञानिक खोजों को तेज बना रहा है। दूसरा, लोगों की क्षमता बढ़ाना और तीसरा यह है कि भारत एआई को तेजी से अपनाकर इसका बेहतर यूज कर रहा है। रिसर्च से लेकर टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और बड़े स्तर पर असर तक, गूगल कोशिश कर रहा है कि भारत दुनिया में एआई के फ्यूचर को नेतृत्व कर सके।
स्वास्थ्य सेवा के लिए DPI में AI का इंटीग्रेशन
- गूगल ने भारत के स्वास्थ्य फाउंडेशन मॉडल (Health Foundation Models) बनाने के लिए नई पहलों के समर्थन में $400,000 की फंडिंग की घोषणा की है, जो MedGemma का लाभ उठाएंगी।
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों के साथ मिलकर त्वचाविज्ञान (Dermatology) और ओपीडी ट्राइएजिंग (OPD Triaging) में इंडिया स्पेसिफिक यूज केस के लिए Ajna Lens मॉडल तैयार करेगा।
- गूगल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के मेडिकल रिकॉर्ड को डिजिटल कर रहा है। इसके लिए गूगल मशीन रीडेबल FHIR स्टेंडर्ड तैयार करने के लिए एडवांस एआई को तैनात कर रहा है।
- इतना ही नहीं गूगल NHA के साथ मिलकर 400,000 से अधिक NHA-पंजीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं, जैसे कि अस्पतालों और क्लीनिकों को गूगल मैप्स और सर्च पर ला रहा है, ताकि लोग आसानी से अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र का पता लगा सकें।
भारत के AI इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रहा गूगल
Google पिछले कई सालों से भारतीय साइंटिस्ट्स और रिसर्चर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है। पिछले 5 सालों में Google ने भारत के 25 से ज्यादा टॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट में लगभग 1,000 सालों के बराबर PhD लेवल रिसर्च वर्क को सपोर्ट किया है। इसके साथ ही Google के ग्लोबल PhD Fellowship प्रोग्राम में अब तक 166 भारतीय PhD स्टुडेंट्स को शामिल किया जा चुका है। इस साल स्टुडेंट्स कंप्यूटर विजन, एआई मॉडल और मेंटल हेल्थ जैसे जरूरी क्षेत्रों में रिसर्च कर रहे हैं।
इसके साथ ही सरकार के Make AI in India और Make AI work for India विजन के तहत गूगल भारत में 8 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है। यह निवेश AI Centres of Excellence में किया जा रहा है।
- TANUH - IISc Bangalore : यह सेंटर Non-communicable बीमारियां जैसे हार्ट डिसीज और डायबिटीज के लिए scalable AI सॉल्यूशन पेश करेगा।
- Airawat Research Foundation - IIT Kanpur : यह सेंटर शहरों के बेहतर मैनेजमेंट, नागरिक सेवाओं और शहरी शासन को सुधारने के लिए AI पर रिसर्च करेगा।
- AI Centre of Excellence for Education - IIT Madras : यह सेंटर लर्निंग और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए एआई सॉल्यूशन पेश करेगा।
- ANNAM.AI - IIT Ropar : कृषि और किसानों के कल्याण के लिए डेटा-ड्रिवन एआई सॉल्यूशन पेश करेगा।
भारतीय भाषाओं के लिए AI रिसर्च
Inclusive AI के तहत Google ने IIT Bombay में Indic Language Technologies Research Hub के लिए 2 मिलियन डॉल की फंडिंग का एलान किया है। यह सेंटर प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य की स्मृति में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने भारतीय भाषाओं के तकनीक में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

भारतीय स्टार्टअप को मदद
Google इंडियन एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए भारतीय डेवलपर्स और स्टार्टअप को सपोर्ट कर रहा है। इसके लिए गूगल ने दो इंडियन स्टार्टअप Gnani.AI और CoRover.AI को 50,000 डॉलर की फंडिंग दी गई है। इसके साथ ही IIT Bombay को भी 50,000 डॉलर की ग्रांट मिली है। इससे वह भारतीय भाषा हेल्थ और पॉलिसी डेटा को पॉलिसी करके इंडिया-सेंट्रिक ट्रेट डेटाबेस बना सके। इसके साथ ही Google ने अपने 22 Gemma models AIKosh पर अपलोड किए हैं, ताकि सभी डेवलपर्स आसानी से एक्सेस करके Make-in-India AI सॉल्यूशन डेवलप कर सकें।
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगी मदद
Google भारत की उन संस्थाओं और यूजर्स की पूरी मदद कर रहा है जो एआई के इस्तेमाल से समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। गूगल के ओपन-सोर्स टूल Open Health Stack की मदद से Khushi Baby संस्था ने इस साल राजस्थान में 3.5 करोड़ से ज्यादा टीबी मामलों की जांच की है।
रिसर्च से पता चलता है कि एआई आधारित डिजिटल टूल से ASHA कार्यकर्ताओं का काम आसान और तेजी से हो रहा है। वे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रही हैं। इसके साथ ही Google.org ने Wadhwani AI को 2.5 मिलियन डॉलर की मदद दी है, ताकि HealthVaani नाम का AI असिस्टेंट शुरू कर सकें। यह आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनकी भाषा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में मदद करेगा।
क्लीन एनर्जी को बढ़ावा
इस दौरान Google ने बताया कि वह चाहता है कि AI पर्यावरण के लिए सुरक्षित और जिम्मेदार बना रहे। इसके लिए गूगल ने ReNew Energy के साथ मिलकर राजस्थान में 150 मेगावॉट की सोलर बिजली परियोजना को सपोर्ट दिया है। इससे क्लीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा और एआई की वजह से पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। गूगल का कहना है कि वह अपने पार्टनर्स और सप्लायर्स को भी क्लीन एनर्जी अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

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