Android यूजर्स के लिए खतरे की घंटी, Play Store से डाउनलोड किए गए 100 फीसद ज्यादा वायरस
Google ने एंड्रॉइड सिक्युरिटी रिपोर्ट 2018 जारी किया है। Google के यह रिपोर्ट दुनियाभर के एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक खतरे की घंटी की तरह है
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। क्या आपका स्मार्टफोन सुरक्षित है? उसमें किसी तरह का वायरस तो नहीं है? आपके इन्हीं सवालों का जबाव देने के लिए Google ने एंड्रॉइड सिक्युरिटी रिपोर्ट 2018 जारी किया है। Google के यह रिपोर्ट दुनियाभर के एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक खतरे की घंटी की तरह है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में Google प्ले स्टोर से डाउनलोड किए गए ऐप में 2017 के मुकाबले 100 फीसद वायरस या मेलवेयर की बढ़ोतरी हुई है। वाकई में यह आंकड़ा चौकाने वाला है।
इस रिपोर्ट की मानें तो Google प्ले स्टोर से डाउलनोड किए गए 55 फीसद से ज्यादा ऐप्स में क्लिक फ्रॉड ऐप यानी कि एडवेयर होत हैं। इसके बाद 16 फीसद ऐप्स में टोरजन जैसे खतरनाक वायरस शामिल हैं। क्लिक फ्रॉड ऐप्स के जरिए ज्यादातर ब्राजील, यूएसए और मेक्सिको के यूजर्स को टारगेट किया गया है।
कुछ दिन पहले ही Google ने इन क्लिक फ्रॉड ऐप्स को प्ले स्टोर पॉलिसी के उल्लंघन करने वाला ऐप बताया था। इसके अलावा 28 फीसद मेलवेयर्स प्लेस्टोर के पीछे से एंट्री किए। जबकि, इनमें से 25 फीसद पोटेंशियल हार्मफुल टोरजन थे। ये सभी वायरस किसी भी स्मार्टफोन के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। यूजर्स को स्मार्टफोन स्लो होने, हैंग होने या बैटरी की ज्यादा खपत जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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Google ने यह भी बताया कि Google प्ले प्रोटेक्ट एंटी मेलवेयर सिस्टम की वजह से 1.6 बिलियन (160 करोड़) वायरस को स्मार्टफोन में इंस्टाल करने से रोका गया। 73 फीसद से ज्यादा मेलवेयर यूजर्स ने Google प्ले स्टोर से बाहर से इंस्टाल किए हैं। जो कि पिछले साल के मुकाबले 20 फीसद ज्यादा है।
Google ने यह भी बताया कि Google प्ले स्टोर से बाहर से डाउनलोड किए गए टोरजन Chamois समूह के हैं। जो एंड्रॉइड डिवाइस में कुछ ऑरिजिनल इक्युपमेंट मैन्युफैक्चरर्स द्वारा प्री-इंस्टाल किए जाते हैं। इन बैकडोर वायरस का सीधा असर रूस, ब्राजील, मैक्सिको और वियतनाम के यूजर्स को हुआ है।
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