Google ने भारत की पहली महिला पायलट Sarla Thakral को किया याद, 107वें जन्मदिन पर बनाया खास डूडल
Google ने आज यानी 8 अगस्त को भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल (Sarla Thakral) के 107वें जन्मदिन पर खास डूडल बनाया है। इस डूडल में एक महिला को दर्शाया गया है जो हवाई जहाज उड़ा रही है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google Doodle On Sarla Thakral: दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने आज यानी 8 अगस्त को भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल (Sarla Thakral) के 107वें जन्मदिन पर खास डूडल बनाया है। इस डूडल में एक महिला को दर्शाया गया है, जो हवाई जहाज उड़ा रही है। इस डूडल पर क्लिक करने पर यूजर्स को सरला ठकराल से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी। आपको बता दें कि गूगल के डूडल को गेस्ट आर्टिस्ट वृंदा झावेरी ने डिजाइन किया है।
सरला ठकराल भारत की पहली महिला पायलट थी। सरला ठकराल का जन्म दिल्ली सन 1914 में हुआ था। उनके पति एयरमिल पायलट थे। 21 साल की उम्र में सरला ठकराल ने छोटे डबल विंग विमान में पहली बार कदम रखा था। उन्होंने इस विमान को अकेले उड़ाया था। इसके बाद से वह खबार की सुर्खियों में छाह गई।
1000 घंटे विमान उड़ाकर प्राप्त किया लाइसेंस
सरला ठकराल ने लाहौर के फ्लाइंग क्लब में 1000 घंटे तक विमान उड़ाकर लाइसेंस प्राप्त किया था। उस दौरान वह पहली महिला थी, जिसने विमान उड़ाने का लाइसेंस प्राप्त किया था। इसके बाद कमर्शियल पायलट के लिए ट्रेनिंग शुरू की, लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के कारण उन्हें प्रशिक्षण रोकना पड़ा। पायलट की ट्रेनिंग के बाद सरला ठकराल ने लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स से फाइन आर्ट्स और पेंटिंग की पढ़ाई की है। फिर वह दिल्ली गई, जहां उन्होंने ज्वेलरी डिजाइनिंग और क्लॉदिंग की।
बता दें कि गूगल ने इससे पहले भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली के जन्मदिन पर खास डूडल बनाया था। देश की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली का जन्म 18 जुलाई 1861 भागलपुर में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बनने के साथ-साथ समाज की परवाह किए बिना डॉक्टर की उपाधी प्राप्त की। इन्हें महिला अधिकार संगठन का पहला सह-संस्थापक भी बनाया गया।
कादंबिनी गांगुली ने डॉक्टर की उपाधी प्राप्त करने से पहले सन 1883 में इतिहास से स्नातक किया था। उन्होंने सन 1884 में कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और सन 1886 में चिकित्सा की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद कादंबिनी गांगुली ने यूके यानी यूनाइटेड किंगडम में जाकर स्त्री रोग का अध्ययन किया और वापस भारत आकर निजी प्रैक्टिस करना शुरू किया।