Android डिवाइस की सेफ्टी होगी और भी मजबूत, सिर्फ वेरिफाइड डेवलपर्स की APK होंगी इंस्टॉल
Google ने एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक नया नियम लागू करने जा रहा है। अब एंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स को APK फाइल रिलीज करने से पहले उसे वेरिफाई करवाना होगा। गूगल का कहना है कि साइडलोडिंग के कारण मैलवेयर डाउनलोड होने का खतरा 50 गुना ज्यादा है। यह नियम 2026 से चरणबद्ध तरीके से लागू होगा।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स की सेफ्टी में गूगल एक और लेयर ऐड करने जा रहा है। कई सारे एंड्रॉयड यूजर्स अपने डिवाइस में गूगल प्ले स्टोर की बजाय दूसरे थर्ड पार्टी ऐप स्टोर या प्लेटफॉर्म की वेबसाइट से सीधे APK फाइल इंस्टॉल करते हैं। ऐसे में यूजर्स अपने डिवाइस में मैलवेयर या दूसरे खतरनाक ऐप भी इंस्टॉल हो जाते हैं।
अब एंड्रॉयड डिवाइस के लिए APK रिलीज करने के लिए एंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स को उसे वेरिफाई करवाना जरूरी होगा। अब तक साइडलोडिंग प्रोसेस का इस्तेमाल डेवलपर गूगल के वेरिफिकेशन प्रोसेस से बचने के लिए करते थे। गूगल के नए नियम 2026 से लागू होंगे।
गूगल क्यों लाई यह नियम
गूगल ने एंड्रॉयड डेवलपर्स ब्लॉग पोस्ट में बताया कि कंपनी इसके जरिए एंड्रॉयड डिवाइसों के लिए नई सेफ्टी लेयर एड कर रही है। गूगल का कहना है कि हैकर्स अक्सर क्लोन ऐप बनाकर यूजर्स को टारगेट करते हैं। कंपनी का कहना था उन्होंने इंटरनल रिव्यू के दौरान पाया कि ऐप्स की तुलना में एपीके साइडलोडिंग की वजह से 50 गुना ज्यादा मैलवेयर डाउनलोड हो रहे हैं।
Google ने साल 2023 में एंड्रॉयड डेवलपर्स के लिए प्ले स्टोर में ऐप लिस्ट करने के लिए वेरिफाई करना शुरू किया था। अगले साल से एंड्रॉयड डिवाइसेस में वही ऐप्स इंस्टॉल होंगी, जो गूगल से वेरिफाइड होंगी। गूगल का कहना है कि इससे एपीके फाइल के जरिए एंड्रॉयड डिवाइसेस को शिकार बनाना हैकर्स के लिए मुश्किल होगा।
एंड्रॉयड डेवलपर्स वेरिफिकेशन के लिए अर्ली एक्सेस अक्टूबर से शुरू होंगे। कंपनी जल्द ही डेवलपर्स को इन्वाइट भी भेजेगी। इसके साथ ही मार्च 2026 में यह सभी डेवलपर्स के लिए शुरू हो जाएगा। वेरिफिकेशन प्रोसेस सबसे पहले ब्राजील, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड में सितंबर 2026 में शुरू होगा। यह नियम ग्लोबली 2027 में शुरू होगा।
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