Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Google Doodle Fatima Sheikh Birthday :भारत की पहली महिला मुस्लिम शिक्षिका के जन्मदिन पर बनाया डूडल, जानें उनके बारे में

    By Ajay VermaEdited By:
    Updated: Sun, 09 Jan 2022 10:33 AM (IST)

    Google Doodle Fatima Sheikh Birthday आज भारत की पहली महिला शिक्षिका और फैमिनिस्ट Fatima Sheikh का 191वां जन्मदिन है। इस खास अवसर पर Google ने डूडल बनाया है। इस डूडल में फातिमा शेख की तस्वीर लगाई गई है।

    Hero Image
    Google Doodle Fatima Sheikh Birthday की ये है फाइल फोटो

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google Doodle Fatima Sheikh Birthday: दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल (Google) ने आज शिक्षिका और फैमिनिस्ट फातिमा शेख (Fatima Sheikh) के 191वें जन्मदिन पर खास डूडल बनाया है। फातिमा शेख भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका थी। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत काम किया था। फातिमा शेख ने सन 1848 में समाज सुधारक ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर एक पुस्ताकालय की स्थापना की थी, जो लड़कियों के लिए था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फातिमा शेख का जन्म आज ही के दिन 1831 में पुणे में हुआ था। वह अपने भाई उस्मान के साथ रहती थी। उन्हें और उनके भाई को निचली जातियों के लोगों को शिक्षित करने के कारण समाज से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद दोनों भाई-बहन सावित्रीबाई फुले से मिले और उनके के साथ मिलकर दलित और मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था।

    फातिमा शेख घर-घर जाकर दलितों और मुस्लिम महिलाओं को स्वदेशी पुस्तकालय में पढ़ने के लिए आमंत्रित किया करती था। हालांकि, उन्हें प्रभुत्वशाली वर्गों के भारी प्रतिरोध का सामना भी करना पड़ा था। इसके बावजूद फातिमा शेख और उनके सहयोगियों ने सत्यशोधक आंदोलन जारी रखा। आपको बता दें कि भारत सरकार ने 2014 में फातिमा शेख की उपलब्धियों को याद किया और अन्य अग्रणी शिक्षकों के साथ उर्दू पाठ्यपुस्तकों में उनके प्रोफाइल को जगह दी, ताकि सभी बच्चे उनके बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जान सकें।

    इससे पहले गूगल ने कॉस्मोलॉजिस्ट, ऑथर और वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के 80वें जन्मदिन पर वीडियो वाला डूडल बनाया था। इस डूडल में स्टीफन हॉकिंग के पूरे जीवन को दर्शाया गया था। इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में पैदा हुए स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही ब्रह्मांड के प्रति आकर्षित थे। 21 साल की उम्र में उन्हें एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी का पता चला, जिसने उन्हें धीरे-धीरे व्हीलचेयर तक सीमित कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपनी रिसर्च जारी रखी थी।