Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Google DeepMind के रोबोट ने खेला टेबल टेनिस, सोशल मीडिया पर शेयर की गई वीडियो

    Updated: Fri, 09 Aug 2024 11:45 AM (IST)

    Google के डीपमाइड रिसर्चर्स ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो टेबल टेनिस खेलता है। यह बेहतरीन टेक्नोलॉजी रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और प्रगति को दर्शाता है। इस रोबोट ने इंसान के साथ खेले मैच में से लगभग 45% मैच जीते है। हालांकि अभी भी इस रोबोट को कुछ चीजों में संघर्ष के साथ समस्या का सामना करना पड़ा है।

    Hero Image
    Google के रोबोट ने ह्यूमन फ्लेयर्स के साथ खेला टेबल टेनिस

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में मशीन लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तेजी से लोगों और कंपनियों के बीच लोकप्रिय हुआ है। ऐसे में कंपनियां लगातार इसे अपने प्रोडक्ट और नए इनोवेशन में जोड़ रही है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए Google DeepMind के रिसर्चर्स ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो टेबल टेनिस खेल सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह रोबोट रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में विकास और प्रगति को दर्शाता है। इस रोबोट में लीनियर गैंट्री पर लगे 6 DoF ABB 1100 आर्म है, जो अलग-अलग स्किल लेवल के ह्यूमन प्लेयर्स के खिलाफ 45% मैच जीते। आइये इसके बारे में जानते हैं।

    ह्यूमन प्लेयर्स को हरा रहा रोबोट

    • कंपनी ने कुल 29 प्रतिभागियों के साथ इस रोबोट की टेस्टिंग की है।
    • खिलाड़ियों के साथ हुए मैच के दौरान रोबोट ने शुरुआत में लगभग सभी मैच जीतें।
    • मीडिल लेवल प्लेयर्स के साथ रोबोट ने 55% मैच जीते।
    • वहीं एडवांस लेवल के प्लेयर्स के साथ रोबोट को बहुत संघर्ष करना पड़ा और वह सभी मैच हार गया।
    • इसके साथ ही 29 में से 26 प्रतिभागियों ने रोबोट के साथ फिर से खेलने में रुचि जताई।

    यह भी पढ़ें - BGMI और ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा के बीच पार्टनरशिप, गेमर्स को गोल्डन आउटफिट के साथ मिलेंगे खास रिवार्ड्स

    एक्स पर शेयर किया वीडियो

    • आपको बता दें कि कंपनी ने रोबोट की टेस्टिंग से जुड़ी एक वीडियो शेयर की है।
    • इस वीडियो में रोबोट को अलग-अलग लोगों के साथ मैच खेलते हुए दिखाया गया है।
    • यह सिमुलेशन-टू-रियल-वर्ल्ड गैप को कम करने के लिए एडवांस तकनीकी का उपयोग करता है।
    • इससे रोबोट की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
    • अपनी सफलता के बावजूद, रोबोट को तेज गेंदों को संभालने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण सिस्टम में देरी हुई। 

    यह भी पढ़ें - जून तिमाही में 10 प्रतिशत घट गया भारत का बियरेबल डिवाइस मार्केट : IDC