नए eSIM फ्रॉड को लेकर सरकार ने जारी किया अलर्ट, इस तरीके से हैकर्स खाली कर देते हैं बैंक अकाउंट
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत बने इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने नागरिकों को एक नए eSIM फ्रॉड को लेकर सतर्क किया है। इस स्कैम में हैकर्स यूजर का फोन नंबर हाईजैक कर लेते हैं और बैंक OTP हासिल करके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। I4C ने तीन सेफ्टी टिप्स भी दिए हैं ताकि लोग ऐसे साइबर क्राइम से बच सकें।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को जनवरी 2020 में गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा स्थापित किया गया था। इसका मुख्य एजेंडा भारत में साइबरक्राइम से निपटना है और कानून प्रवर्तन एजेंसियों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के बीच कोऑर्डिनेशन बढ़ाना है। इसी एजेंडे पर चलते हुए I4C ने नागरिकों को जागरूक करने के लिए एक नया अलर्ट जारी किया है जिसमें eSIM फ्रॉड की जानकारी दी गई है।
I4C ने हाइलाइट किया कि स्कैमर्स पीड़ित का फोन नंबर एक्सेस कर लेते हैं
I4C ने हाल ही में रिपोर्ट हुए एक eSIM स्कैम को लेकर चेतावनी दी है जिसमें भारतीय यूजर्स को टारगेट किया गया। सरकारी एजेंसी ने एक केस का जिक्र किया जहां पीड़ित ने ATM और UPI फीचर्स डिसेबल कर रखे थे, फिर भी स्कैमर्स उसके बैंक अकाउंट से 4 लाख रुपये उड़ा ले गए। इस स्कैम में थ्रेट एक्टर्स बैंक द्वारा भेजे गए OTP हासिल करने के लिए पीड़ित का फोन नंबर हाईजैक कर लेते हैं।
I4C के मुताबिक, स्कैमर्स पहले पीड़ित को कॉल करते हैं और फिर उनके फोन पर eSIM एक्टिवेशन लिंक भेजते हैं। जब कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके फिजिकल सिम को eSIM में कन्वर्ट करने का रिक्वेस्ट ऑटोमैटिकली एक्सेप्ट हो जाता है। इसके बाद पीड़ित का फिजिकल सिम काम करना बंद कर देता है और फोन पर नेटवर्क सिग्नल आना बंद हो जाता है। इस दौरान सभी कॉल और मैसेज, जिनमें बैंक OTP भी शामिल हैं, स्कैमर्स द्वारा कंट्रोल किए गए eSIM पर पहुंचने लगते हैं।
इसके बाद फ्रॉडस्टर्स बैंक ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट भेजते हैं। इन रिक्वेस्ट्स को ऑथराइज करने के लिए बैंक पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजते हैं। चूंकि अब ये कोड स्कैमर्स के पास मौजूद eSIM पर पहुंचते हैं, वे आसानी से पीड़ित के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
I4C ने अपने अलर्ट में तीन सेफ्टी टिप्स भी शेयर किए हैं। एजेंसी ने कहा कि यूजर्स को अनजान कॉलर्स और भेजे गए लिंक से बचना चाहिए। उन्हें eSIM कन्वर्जन की रिक्वेस्ट खुद करनी चाहिए और किसी अनट्रस्टेड सोर्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति के फोन पर अचानक नेटवर्क सिग्नल आना बंद हो जाए तो उन्हें तुरंत अपने बैंक और टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इन्फॉर्म करना चाहिए।
ये अलर्ट ऐसे समय आया है जब कुछ हफ्ते पहले ही दूरसंचार विभाग (DoT) के फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) ने 3,00,000 से 4,00,000 सिम कार्ड ब्लैकलिस्ट किए थे जो धोखाधड़ी वाली वित्तीय गतिविधियों में शामिल पाए गए थे। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि FRI के AI-इनेबल्ड टूल्स हर दिन लगभग 2,000 हाई-रिस्क फोन नंबर फ्लैग करते हैं। ये ब्लैकलिस्टेड नंबर इन्वेस्टमेंट और जॉब-रिलेटेड स्कैम्स के लिए यूज हो रहे थे।
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