Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्यादातर भारतीय ऐप्स का डिजाइन और लेआउट भ्रामक, यूजर्स के फैसले होते हैं प्रभावित- ASCI स्टडी

    एक हालिया स्टडी में कहा गया है कि ज्यादातर भारतीय ऐप्स ने भ्रामक डिजाइन और लेआउट अपनाया हुआ है। इन ऐप्स का डिजाइन यूजर्स को भ्रमित करता है। इससे उनके फैसले भी प्रभावित होते हैं। अध्ययन में पाया गया कि टॉप 53 ऐप्स में से 52 ऐप्स ने भ्रामक UI (यूजर इंटरफेस) और UX (यूजर एक्सपीरियंस) को अपनाया हुआ है।

    By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Fri, 02 Aug 2024 12:51 PM (IST)
    Hero Image
    अध्ययन में पाया गया कि टॉप 53 ऐप्स में से 52 ऐप्स ने भ्रामक UI और UX को अपनाया है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। शॉपिंग करने से लेकर खाना मंगाने तक सबके लिए हमारे स्मार्टफोन में स्पेसिफिक ऐप है, छोटे-छोटे काम के लिए ऐप खोलना कई बार यूजर्स की मजबूरी हो जाती है। ऐसा कई बार ऐप के भ्रामक डिजाइन और लेआउट के कारण भी होता है। एक स्टडी में कहा गया है कि ज्यादातर भारतीय ऐप्स ने भ्रामक डिजाइन प्रथाओं को अपनाया हुआ है। इसका असर यूजर्स के फैसलों पर भी पड़ता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूजर्स को भ्रमित करते हैं भारतीय ऐप्स

    भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि टॉप 53 ऐप्स में से 52 ऐप्स ने भ्रामक UI (यूजर इंटरफेस) /UX (यूजर एक्सपीरियंस) को अपनाया हुआ है। इन ऐप्स का लेआउट यूजर्स को गुमराह करता है और इससे उनके फैसले भी प्रभावित होते हैं। ऐप्स का डिजाइन उन्हें वह काम करने के लिए प्रेरित करता है, जो वह आमतौर पर नहीं करना चाहते हैं। 

    लाखों में डाउनलोड

    डिजाइन फर्म पैरेलल HQ के सहयोग से किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि भ्रामक डिजाइन वाले इन ऐप्स के डाउनलोड्स भी अच्छी संख्या में हैं। इन ऐप्स को 21 बिलियन बार डाउनलोड किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस भ्रामक पैटर्न में कई तरह की चीजें शामिल हैं, जो यूजर्स की प्राइवेसी, इंटरफेस हस्तक्षेप, ड्रिप मूल्य निर्धारण को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

    हेल्थ से जुड़े ऐप्स का पैटर्न सबसे भ्रामक

    स्टडी में शामिल ऐप्स में से 79 प्रतिशत में प्राइवेसी संबधित खामियां पाई गईं, जबकि 45 प्रतिशत में इंटरफेस हस्तक्षेप रहा। स्टडी में शामिल ज्यादातर ऐसे ई-कॉमर्स ऐप हैं जिन पर एक बार अकाउंट बना लेने के बाद उससे खुद को रिमूव करना यूजर्स के लिए मुश्किल हो जाता है। स्टडी के मुताबिक, सबसे ज्यादा भ्रामक पैटर्न अपनाने में स्वास्थ संबधित ऐप शामिल हैं। इसके बाद यात्रा बुकिंग और ई-कॉमर्स का स्थान है। दिलचस्प बात यह है कि गेमिंग और स्ट्रीमिंग सर्विस संबधित ऐप्स में बहुत कम भ्रामक पैटर्न मिले हैं।