DeepSeek AI Ban: कई देशों ने लगाया डीपसीक पर बैन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बना चाइनीज AI मॉडल?
भारत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया समेत कई देश चीन के एआई मॉडल Deepseek पर बैन लगा चुके हैं। डीपसीक पर बैन लगाने वाले देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस एआई मॉडल पर प्रतिबंध लगाया है। देशों का कहना है कि इस मॉडल के डेटा स्टोरेज को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है जिससे यूजर्स का डेटा कॉम्प्रोमाइज हो सकता है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। चाइनीज AI चैटबॉट DeepSeek लॉन्च होने के बाद से ही सुर्खियों में है। इसके लॉन्च होते ही दुनियाभर में खूब हलचल रही और अब कई देश इस पर बैन लगा रहे हैं। डीपसीक पर बैन लगाने वालों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत और अन्य देश शामिल हैं। इस पर बैन लगाने वाले देशों का कहना है कि सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं के चलते ऐसा किया जा रहा है। यहां हम आपको उन सभी देशों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने चाइनीज एआई मॉडल को बैन किया है।
क्यों लगा रहे हैं बैन?
DeepSeek को लेकर संदेह है कि यह यूजर्स का संवेदनशील डेटा स्टोर कर रहा है। इससे किसी भी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके साथ ही कंपनी ने डेटा स्टोरेज को लेकर अपनी पॉलिसी स्पष्ट नहीं की है।
ऑस्ट्रेलिया के साइबर सुरक्षा दूत एंड्रयू चार्लटन ने डीपसीक पर बैन लगाते हुए कहा कि सरकारी सिस्टम को इन ऐप्स के लिए एक्सपोज नहीं करना चाहते। ऐसे में इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। वहीं, भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकारी कार्यालयों में सभी AI टूल्स जैसे ChatGPT और DeepSeek के इस्तेमाल पर रोक लगाई है।
किन देशों ने DeepSeek पर प्रतिबंध लगाया?
भारत
भारत में वित्त मंत्रालय ने कर्मचारियों को ऑफिशियल आईडी और डिवाइस से DeepSeek और अन्य AI टूल्स का यूज न करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय का कहना है कि इन टूल्स से संवेदनशील सरकारी डेटा लीक हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने देश में डीपसीक एआई को सरकारी डिवाइस पर इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया की सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि ये एआई टूल सिक्योरिटी को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिका
अमेरिकी नौसेना ने भी ऑफिशियल और पर्सनल रूप से DeepSeek के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका में टेक्सास ने सबसे पहले इस AI ऐप पर प्रतिबंध लगाया था।
ताइवान
DeepSeek पर बैन लगाने वाले देशों में ताइवान भी शामिल है। यहां सरकारी कर्मचारियों को इस एआई टूल को बैन किया गया है। ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने इसे यूजर्स के लिए खतरनाक बताया है।
इटली
इटली ने भी DeepSeek पर बैन लगाने का फैसला लिया है। इटली के डेटा सिक्योरिटी अथॉरिटी का कहना है कि यह एआई मॉडल से देश के लाखों यूजर्स का डेटा कॉम्प्रोमाइज हो सकता है। इसके साथ ही इटली ने डीपसीक से यूजर्स के डेटा स्टोरेज को लेकर कुछ सवाल पूछे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी से यह भी पूछा है कि वह यूजर्स के डेटा को किस तरह यूज करता है।
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने इंटरनेट से जुड़े सैन्य कंप्यूटरों पर DeepSeek को ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया ने पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमीशन (PIPC) ने DeepSeek से यूजर्स के डेटा मैनेजमेंट को लेकर कई सवालों के जवाब मांगे हैं।
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चीन ने बताया राजनीतिक कदम
डीपसीक पर बैन लगाए जाने पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे राजनीतिक कदम बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा कि चीन की सरकार कभी भी किसी कंपनी या व्यक्ति को अपना डेटा स्टोर करने के लिए मजबूर नहीं करती है। डीपसीक पर बैन लगाए जाने को लेकर चीन का कहना है कि ये आर्थिक, व्यापारिक और तकनीकी मुद्दों का राजनीतिकरण करने का तरीका है।
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