चोरी हुआ 3 करोड़ से अधिक कस्टमर्स का डाटा, फोन नंबर से लेकर एड्रेस तक कई निजी जानकारियां हैं शामिल
बीते कुछ सालों में साइबर अटैक काफी बढ़ गया है। इस बार भी ऐसी ही कुछ घटनाएं हुई है जिसमें लगभग 3.7 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी हो गया है। इन डाटा में यूजर्स का फोन नंबर एड्रेस डेट ऑफ बर्थ जैसी जरूरी जानकारियां शामिल है।( जागरण फोटो)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते कुछ सालों में इंटरनेट का उपयोग काफी बढ़ गया है। लोगों के ज्यादातर काम ऑनलाइन करते हैं, जिसमें ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग आदि शामिल है, जिसका कारण साइबर अटैक्स भी काफी बढ़ गए है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में लगभग 3.7 करोड़ लोगों का डाटा चोरी हुआ है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
3.7 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी
US वायरलेस कैरियर T-मोबाइल ने गुरुवार को बताया कि एक अज्ञात मलिशियस ने नवंबर के अंत में अपने नेटवर्क का उल्लंघन किया। जिसमें 3.7 करोड़ कस्टमर्स पर डाटा चुरा लिया गया है। इस डाटा में पते, फोन नंबर और जन्म तिथि जैसे डिटेल शामिल है।
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5 जनवरी को मिली जानकारी
T-मोबाइल ने सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमिशन के साथ एक फाइलिंग में कहा कि उल्लंघन का पता 5 जनवरी को चला। इसने बताया गया कि चोरी के संपर्क में आने वाले डाट में पासवर्ड या पिन, बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा नंबर या अन्य सरकारी आईडी की जानकारी शामिल नहीं है।
टी-मोबाइल ने कहा कि हमारी जांच अभी भी जारी है, लेकिन दुर्भावनापूर्ण गतिविधि इस समय पूरी तरह से निहित है। इसका कोई सबूत नहीं है कि घुसपैठिया कंपनी के नेटवर्क कोतोड़ने में सक्षम था। बताया गया कि इस डाटा को पहली बार 25 नवंबर को या उसके आसपास एक्सेस किया गया था।
पहले भी हो चुक है हैक
टी-मोबाइल को पहले भी हैक किया जा चुका है। जुलाई में, यह उन ग्राहकों को 350 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हुआ, जिन्होंने अगस्त 2021 में कंपनी द्वारा खुलासा किए जाने के बाद एक क्लास एक्शन मुकदमा दायर किया था। इसमें सामाजिक सुरक्षा नंबर और ड्राइवर के लाइसेंस की जानकारी सहित व्यक्तिगत डाटा चोरी होने की शिकायतों पर दर्ज किया गया। बता दें कि इस समय भी लगभग 8 करोड़ अमेरिकी निवासी प्रभावित हुए थे।
कंपनी ने उस समय यह भी कहा था कि वह अपनी डाटा सुरक्षा और अन्य तकनीकों को मजबूत करने के लिए 2023 तक 150 मिलियन डॉलर खर्च करेगा। अगस्त 2021 के अटैक्स से पहले कंपनी ने जनवरी 2021, नवंबर 2019 और अगस्त 2018 में कई उल्लंघनों का खुलासा किया था जिसमें ग्राहकों की जानकारी चोरी की गई थी।
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