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    Smartphone और डेस्कटॉप से मालवेयर का होगा सफाया, भारत सरकार का Cyber Swachhta Kendra करेगा काम आसान

    Cyber Swachhta Kendra डिजिटल भारत के तहत इंटरनेट यूजर्स को एक सेफ साइबर एनवायरमेंट देने के लिए भारत सरकार ने Cyber Swachhta Kendra के रूप में एक नई पहल की है। इस पोर्टल को मालवेयर डिटेक्ट और क्लीन करने के लिए तैयार किया गया है।( फोटो- Pixabay)

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Sun, 11 Jun 2023 02:30 PM (IST)
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    Cyber Swachhta Kendra For Users By Ministry of Electronics and Information Technology

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही यूजर्स के लिए मालवेयर और ऑनलाइन ठगी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए यूजर को भनक भी नहीं लगती और साइबर अपराधी अपना काम कर जाता है। यूजर्स की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया के तहत एक नई सुविधा पेश की गई है।

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    यूजर को सेफ साइबर एनवायरमेंट देने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी ने (MeitY, Ministry of Electronics and Information Technology) एक साइबर एजेंसी को सेट अप किया है। इस साइबर एजेंसी का नाम साइबर स्वच्छता केंद्र (Cyber Swachhta Kendra) रखा गया है।

    क्या है Cyber Swachhta Kendra?

    साइबर स्वच्छता केंद्र (Cyber Swachhta Kendra) एक साइबर एजेंसी है, जिसे यूजर के डिवाइस में मालवेयर का पता लगाने और क्लीनिंग के लिए पेश किया गया है।

    मालवेयर का पता लगाने और क्लीनिंग के लिए इस प्लेटफॉर्म पर कई स्पेशल टूल्स की सुविधा पेश की गई है। इन टूल्स को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और एंटी-वायरस कंपनियों की मदद से तैयार किया गया है।

    मालवेयर क्या होता है?

    सबसे पहले यही समझने की कोशिश करते हैं कि मालवेयर आखिर होता क्या है? आसान भाषा में समझें तो मालवेयर एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम होता है, इसका इस्तेमाल हैकर्स द्वारा किया जाता है।

    इंटरनेट का इस्तेमाल करने के दौरान यूजर की निजी और बैंकिंग जानकारियों को चुराने के लिए मालवेयर को कंप्यूटर में एंटर करवाया जाता है। साइबर अपराधी यूजर के डिवाइस में मालवेयर को एंटर करवाने के लिए उन्हें अलग-अलग तरीके से झांसा देते हैं।

    कई बार किसी डाउनलोडिंग लिंक पर क्लिक करने के साथ ही मालवेयर डिवाइस में एंट्री पा सकता है। मालवेयर की एंट्री यूजर के डिवाइस में होने के साथ ही साइबर अपराधी को यूजर के डिवाइस को कंट्रोल करने के सारे अधिकार मिल जाते हैं।

    साइबर स्वच्छता केंद्र का कौन-से यूजर्स कर सकते हैं इस्तेमाल?

    यह सुविधा यूजर्स के लिए मालवयेर को डिटेक्ट कर इसे क्लीन करने के लिए पेश की गई है। वे यूजर्स जिन्हें उनके पीसी में मालवेयर होने की आशंका है, प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    भारत सरकार की ओर से यह सुविधा एंड्रॉइड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के साथ-साथ विंडोज यूजर्स के लिए भी पेश की गई है। विंडोज यूजर्स इन टूल्स का इस्तेमाल विंडोज ऐप स्टोर से कर सकते हैं।

    किन टूल्स का किया जा सकता है इस्तेमाल?

    डिजिटल इंडिया के तहत विंडोज यूजर्स के लिए eScan Antivirus, K7 Security, Quick Heal फ्री बोटनेट रिमूवल टूल्स की सुविधा पेश की गई है। इसके अलावा, यूजर्स ऑफिशियल वेबसाइट से एंटीवायरस को डाउनलोड कर सकते हैं।

    एंड्रॉइड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो प्ले स्टोर से eScan CERT-In Bot Removal, M-Kavach 2 (by C-DAC Hyderabad) को डाउनलोड किया जा सकता है। इन ऐप्स को भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप्स इंस्टॉल करने के बाद मालवयेर के लिए स्कैन कर सकते हैं।

    एक्सटर्नल स्टोरेज और ब्राउजर एक्सटेंशन के लिए कौन-से टूल करेंगे काम?

    साइबर एजेंसी ने एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस के लिए भी एक ऐप पेश किया है। यूजर्स पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क के इस्तेमाल के लिए ‘USB Pratirodh’ ऐप को इन्स्टॉल कर सकते हैं। इस ऐप को विंडोज डिवाइस में इन्स्टॉल किया जा सकता है।

    इसी तरह इस प्लेटफॉर्म पर Browser JSGuard ब्राउजर एक्सटेंशन की सुविधा भी दी गई है। यह ब्राउजर एक्सटेंशन मालवेयर वाले एचटीएमएल और जावास्क्रिप्ट अटैक से सुरक्षा देगा। किसी मालवेयर वाले वेब पेज पर विजिट करते हैं तो Browser JSGuard की मदद से तुरंत स्क्रीन पर अलर्ट मिल सकेगा।

    वेब ब्राउजर एक्सटेंशन की सुविधा गूगल क्रोम यूजर्स और फायरफोक्स यूजर्स के लिए अलग-अलग लिंक के साथ पेश की गई है।