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    भारत के बाद अब यूरोप में भी बैन होंगे Chinese Apps! डेटा चुराने के लगे गंभीर आरोप

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 10:00 AM (IST)

    चाइनीज ऐप्स पर डेटा चोरी के आरोप फिर से लगे हैं। TikTok WeChat और AliExpress जैसे ऐप्स के खिलाफ यूरोपियन यूनियन (EU) में शिकायत दर्ज की गई है। आरोप है कि ये ऐप्स यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी का पालन नहीं कर रही हैं और उन्हें अपना डेटा डाउनलोड करने की सुविधा नहीं दे रही हैं। एडवोकेसी ग्रुप NYOB ने इन ऐप्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

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    चाइनीज ऐप्स पर डेटा चोरी का आरोप

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। चाइनीज ऐप्स यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर हमेशा से संदिग्ध रहे हैं। TikTok, WeChat और AliExpress जैसे ऐप्स पर एक बार फिर डेटा चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। ऑस्ट्रेलिया की एडवोकेसी प्राइवेसी ग्रुप NOYB ने यूरोपियन यूनियन (EU) ने इन चाइनीज ऐप्स को लेकर शिकायत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि ये ऐप्स यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर बनाए पॉलिसी का पालन नहीं कर रही है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इन ऐप्स पर ईयू सख्त कदम उठाते हुए बैन लगा सकती है। ईयू की पॉलिसी के मुताबिक, यूजर्स को अपना डेटा डाउनलोड करने की सुविधा मिलनी चाहिए।

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    पर्सनल डेटा एक्सेस नहीं कर सकते यूजर्स

    NYOB ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीनों ऐप्स TikTok, WeChat और AliExpress में यूजर्स को उनका डेटा डाउनलोड करने का ऑप्शन नहीं मिलता है। इसे प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर बड़ा उल्लंघन माना जा रहा है। इसका साथ ही इस ग्रुप का यह भी दावा है कि चाइनीज ऐप्स में यूजर्स को पर्सनल डेटा एक्सेस करने का ऑप्शन नहीं मिलता है।

    एडवोकेसी ग्रुप NYOB पिछले लंबे समय से डेटा प्राइवेसी पर काम करता है। यह ग्रुप अब तक छह चाइनीज कंपनियों के खिलाफ शिकायत कर चुका है। इनका आरोप है कि ये ऐप्स यूजर्स के डेटा को अवैध तरीके से चीन में मौजूद अपने सर्वर में भेज रही हैं। इससे पहले इस ग्रुप की शिकायत पर Apple और Alphabet जैसी अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो चुकी है।

    चाइनीज ऐप्स पर पहले भी लगे हैं डेटा चोरी के आरोप

    चाइनीज ऐप्स पर डेटा चोरी को लेकर पहले भी कई बार शिकायत सामने आ चुकी हैं। इसके साथ ही चाइनीज ऐप्स पर यूजर्स के डेटा को गलत तरीके से स्टोर करने और चीन भेजने के भी आरोप लगते रहते हैं। अगर चाइनीज ऐप्स पर लगे आरोप सही साबित होते हैं और ईयू इनपर कार्रवाई करता है तो इन ऐप्स पर यूरोप में बैन लग सकता है।

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