AI और तकनीक के मामले में है चीन का दबदबा, जानें क्यों पिछड़ रहा है भारत
2017 में टॉप 10 में से केवल 2 चीनी ऐप्स शामिल थे वहीं 2018 में इनकी संख्या दोगुनी हो गई है
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। आज से ठीक एक साल पहले भारत में गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड किए जाने वाले टॉप-100 ऐप्स में से 18 ऐप्स चीनी होते थे। एक साल के अंदर ही इन ऐप्स की संख्या बढ़कर 36 तक पहुंच गई है। जहां 2017 में टॉप 10 में से केवल 2 चीनी ऐप्स शामिल थे वहीं 2018 में इनकी संख्या दोगुनी हो गई है। TikTok से लेकर SHAREit, BigoLive, Helo जैसे कई ऐप्स भारतीय यूजर्स के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
यूजर बेस के मामले में शॉर्ट वीडियो होस्टिंग सोशल प्लेटफॉर्म TikTok का इस समय भारत में 39 फीसद मार्केट शेयर है। TikTok का ग्लोबल यूजर बेस 500 मिलियन है जिसका 39 फीसद केवल भारत में ही है। इस ऐप के अलावा कई और सोशल वीडियो होस्टिंग चीनी ऐप्स हैं जिसे YouTube के प्रतिद्वंदी या यूं कहिए की YouTube कीलर के तौर पर भारत में लॉन्च किया गया है। इसमें से LIKE, Kwai, LiveMe और BigoLive प्रमुख हैं। इस ऐप्स को भी गूगल प्ले स्टोर पर लाखों यूजर्स ने डाउनलोड किए हैं। इसका मतलब साफ है कि चीनी ऐप्स फैक्टरी भारत में तेजी से पैर पसार रहा है। जल्दी ही इन चीनी ऐप्स के पास फेसबुक और गूगल से भी ज्यादा भारतीय इंटरनेट यूजर्स का डाटा होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन AI के क्षेत्र में भी अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है। TikTok और BigoLive जैसे कंज्यूमर ऐप्स के जरिए यूजर्स काफी इंगेज रहते हैं। इसके अलावा प्रतिदिन इन ऐप्स के जरिए लाखों की खंख्या में डाटा फीड किए जा रहे हैं। यूजर बेस के मामले में आने वाले कुछ सालों में भारत डोमिनेट करने वाला है। इसलिए चीन और अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार पर नजर गड़ाए हुए है। इस समय भारत की दो बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट अमेरिकी हैं।
इन दिनों चीनी ऐप मेकर्स स्टार्ट अप कंपनियों ने भारतीय यूजर्स के लिए AI बेस्ड कंज्यूमिंग ऐप्स डेवलप किए हैं और इसको भारतीय यूजर्स के हिसाब से कस्टमाइज्ड भी किया है। इन ऐप्स को तकनीक और बेहतर यूजर इंटरफेस के साथ डिजाइन किया गया है यही कारण है कि भारतीय यूजर्स को ये ऐप्स काफी पसंद आ रहे हैं और इन ऐप्स का यूजर बेस लगातार बढ़ता जा रहा है।
ByteDance ने Helo के नाम से एक रीजनल (प्रादेशिक) इंटरटेनमेंट कंटेट प्लेटफॉर्म खासतौर पर भारतीय यूजर्स के लिए लॉन्च किया है। अगर आप छोटे शहरों या कस्बों में रहते हैं तो आपको इस ऐप के यूजर्स भारी मात्रा में मिलेंगे क्योंकि कंपनी ने खासतौर पर छोटे शहरों या गांवों के यूजर्स को टारगेट करते हुए इसे लॉन्च किया है। इस पर आपको अंग्रेजी के कंटेंट नहीं मिलेंगे। इस ऐप के ज्यादातर प्रादेशिक भाषाओं में मिलेंगे। यह ऐप भारत के 14 क्षेत्रीय भाषाओं में लॉन्च किया गया है जिसमें हिंदी, मराठी, गुजराती और भोजपुरी प्रमुख हैं।
चीनी ऐप मेकर्स की स्ट्रेटेजी साफ है कि वो भारतीय यूजरबेस के हिसाब से अपने इंगेजिंग ऐप्स डेवलप कर रहे हैं। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और यूजर इंटरफेस भी सरल रखा जा रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक और वॉट्सऐप के बाद सोशल कंटेंट प्लेटफॉर्म SHAREit को पिछले साल सबसे ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। इस ऐप में आपको कई तरह के लोकल वीडियो कंटेंट मिलेंगे। 2015 में एक सर्वे किया गया था जिसमें यह रीजनल कंटेंट वाले ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स काफी पसंद कर रहे थे।
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