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    एक के बाद एक देश लगा रहे हैं ChatGPT पर बैन, इटली के बाद जर्मनी का नाम आ रहा सामने

    By AgencyEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Tue, 04 Apr 2023 11:48 AM (IST)

    दरअसल पिछले हफ्ते ही इटली की डाटा सुरक्षा एजेंसी ने चैटजीपीटी को लेकर जांच शुरू की है। इटली ने चैटजीपीटी पर अस्थाई बैन लगाया है। वहीं अब कई दूसरे देशों का नाम इस कड़ी में सामने आ रहा है। (फोटो- जागरण)

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    ChatGPT Could Be Blocked in Germany if Needed After Italy, Pic Courtesy- Jagran FILE

     नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल एआई आधारित चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी को लॉन्च किया गया। यह दुनिया भर के कई देशों को लुभाने में कामियाब रहा। चैटबॉट की ह्यूमन लाइक टेक्स्ट जेनेरट कर सकने की क्षमताओं के साथ इसका इस्तेमाल करोड़ों यूजर्स द्वारा किया गया। वहीं अब, चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर रोक लगने की बातें सामने आ रही हैं।

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    इटली के बाद जर्मनी लगा सकता है बैन

    मालूम हो कि चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर बीते दिनों ही इटली ने अस्थाई रोक लगाई है। वहीं अब जर्मनी का नाम भी चैटजीपीटी को बैन करने में सामने आ रहा है।

    बताया जा रहा है कि इटली की तरह ही जर्मनी भी चैटजीपीटी को बैन किया जा सकता है। भविष्य में ऐसा होने की संभावनाएं सामने आई हैं। जर्मनी डाटा सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए इस कदम को उठा सकता है।

    आने वाले दिनों में लग सकता है बैन

    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो जर्मनी के डाटा सिक्योरिटी ऑफिसर Ulrich Kelber (German commissioner for data protection) ने इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, इस तरह का कदम कब तक उठाया जाएगा इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

    इटली ने उजागर की कई बातें

    दरअसल पिछले हफ्ते ही इटली की डाटा सुरक्षा एजेंसी ने चैटजीपीटी को लेकर जांच शुरू की है। चैटबॉट द्वारा डाटा एकत्र करने के नियमों का उल्लंघन पाने पर यह जांच शुरू की गई है। चैटबॉट यूजर की आयु की जांच करने में विफल पाया गया।

    दूसरे देशों का भी आ रहा इस ओर ध्यान

    इटली द्वारा चैटबॉट पर बैन लगाने के बाद कुछ और देशों का ध्यान इस ओर आया है। फ्रांस और आयरलैंड के प्राइवेसी रेगुलेटर भी चैटबॉट पर बैन लगाने के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हालांकि, इस बारे में स्वीडन के प्राइवेसी रेगुलेटर का मत भी सामने आया है।

    बताया गया कि स्वीडन में चैटजीपीटी के बैन को लेकर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं है। ना ही भविष्य में इसके बैन को लेकर कुछ कहा गया है।

    मालूम हो कि जेनेरेटिव एआई जैसे की चैटजीपीटी अपने उत्तर के लिए एल्गोरिथ्म पर काम करता है, जिसके लिए एक बडे़ लेवल पर डाटा का इस्तेमाल किया जाता है।