Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर ठगी करने के लिए विदेश से आ रहे कॉल, खुद की सेफ्टी के लिए जरूरी टिप्स

    Updated: Sun, 06 Oct 2024 08:00 PM (IST)

    साइबर अपराधी अपनी असली पहचान छिपाने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में 120 करोड़ से अधिक लोग मोबाइल फोन तो 95 करोड ...और पढ़ें

    Hero Image
    फर्जी मोबाइल कनेक्शन पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कस्टम, ड्रग्स, सेक्स रैकेट के नाम पर डिजिटल गिरफ्तारी और फिर ठगी। आए दिन इस प्रकार की धोखाधड़ी इन दिनों सामने आ रही है। कई नामी-गिरामी व्यक्ति इसके शिकार हो रहे हैं। हाल ही टेक्सटाइल सेक्टर की एक नामी कंपनी के मालिक से साइबर अपराधियों ने सात करोड़ रुपए ठग लिए। संचार मंत्रालय विदेश में बैठे इन अपराधियों की साजिश को पूरी तरह से नाकाम करने में जुट गया है और ऐसी प्रणाली विकसित की जा रही है ताकि विदेश से किए जा रहे इस प्रकार के फर्जी कॉल देश के उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    45 लाख कॉल हो रहे रद्द

    साइबर ठगी या अपराध के लिए इन दिनों रोजाना एक करोड़ से अधिक कॉल विदेश से किए जा रहे हैं। टेलीकॉम कंपनियों की मदद से रोजाना इनमें से 45 लाख कॉल को विफल कर दिया जाता है। विभाग का कहना है कि जल्द ही ऐसी केंद्रीकृत व्यवस्था लागू की जाएगी जिसकी मदद से विदेश से साइबर अपराध के लिए होने वाले कॉल को पूरी तरह से विफल किया जा सकेगा।

    साइबर अपराधी अपनी असली पहचान छिपाने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में 120 करोड़ से अधिक लोग मोबाइल फोन तो 95 करोड़ लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। संचार विभाग के मुताबिक साइबर अपराध को रोकने के लिए हाल ही में डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म (डीआईपी) लांच किया गया है ताकि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए टेलीकॉम संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लग सके।

    साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम

    इस प्लेटफॉर्म पर सभी टेलीकॉम कंपनियों के साथ, गृह मंत्रलाय, 460 बैंक एवं वित्तीय संस्थाएं, सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस एवं विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों को एक साथ लाया गया है ताकि साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग पर रियल टाइम कार्रवाई की जा सके और किसी मोबाइल फोन नंबर को संदिग्ध पाए जाने या उसके कनेक्शन को काटे जाने पर देश भर में उसे लेकर अलर्ट किया जा सके। इस प्लेटफार्म पर सेवा से हटा दिए जाने वाले देश भर के मोबाइल नंबर की जानकारी भी साझा की जाती है।

    सेफ्टी के लिए जरूरी काम

    विभाग का कहना है कि संचार विभाग फर्जी दस्तावेज के आधार पर मोबाइल कनेक्शन लेने वाले को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। विभाग के मुताबिक साइबर अपराध को रोकने में उपभोक्ताओं को भी सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध कॉल या एसएमएस की जानकारी वे संचार साथी पोर्टल पर दे सकते हैं। मोबाइल फोन चोरी से लेकर, सिम व अन्य सभी टेलीकॉम सेवा संबंधी शिकायत उपभोक्ता यहां दर्ज करा सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- सरकार ने काटे 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शन, फ्रॉड पर नकेल कसने की तैयारी; 11 लाख वॉट्सऐप अकाउंट भी बैन