कैबिनेट से टेलिकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी को मिली मंजूरी, मार्च 2021 तक होगी नीलामी
सरकार की ओर से कुल 2500MHz फ्रिक्वेंसी ऑफर की जाएगी जिसकी कुल कीमत 392332.70 करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस बारे में सूचना दी है। सरकार ने बताया जल्द इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क. केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को दिल्ली में एक बैठक हुई। इस बैठक में चार साल बाद टेलिकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 के आखिरी तक 2,251 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। इसमें 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड को नीलामी के लिए शामिल किया जाएगा, जो अगले 20 साल तक के लिए वैध होगी। सरकार की ओर से कुल 2500 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी की जाएगी, जिससे सरकार को न्यूनतम 3,92,332.70 करोड़ रुपये मिलेंगे। स्पेक्ट्रम नीलामी की शर्तों को साल 2016 की नीलामी के समान रखा गया है। बता दें कि इससे पहले 2016 में ऐसी नीलामी हुई थी। स्पेक्ट्रम नीलामी के अलावा सरकार टेलिकॉम सेक्टर के लिए राष्ट्रीय समिति बनाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस बारे में सूचना दी है।
Cabinet approves Auction of spectrum in 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz and 2500 MHz frequency bands, for validity period of 20 yrs. A total of 2251.25 MHz is being offered with total valuation of Rs. 3,92,332.70 crores: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/fJyjQjCmwt
— ANI (@ANI) December 16, 2020
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया के लिए आवेदन का नोटिफिकेशन इसी माह जारी किया जाएगा और मार्च 2021 तक टेलिकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया को आयोजित किया जाएगा।
The notice inviting application to be issued this month itself and by March 2021 we propose to hold the auction of these spectrums: Union Minister Ravi Shankar Prasad https://t.co/oVcJ1B79y0" rel="nofollow— ANI (@ANI) December 16, 2020
बता दें कि केंद्रीय बजट 2020-21 में सरकार ने टेलिकॉम सर्विस के 1.33 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया था। इसमें स्पेक्ट्रम नीलाम की प्रक्रिया, लाइसेंसिंग फीस और अन्य दरे लागू थीं। वहीं साल 2019-20 में केंद्र सरकार को टेलिकॉम से 58,990 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ था, जबकि सरकार की तरफ से अनुमानित लक्ष्य 50,520 करोड़ रुपये थे।
स्पेक्ट्रम नीलामी का इतिहास
- भारत में पहली बार टेलिकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी साल 1994 में हुई थी। यह स्पेक्ट्रम नीलामी देशभर के 23 सर्किल के लिए हुई थी। इसमें से प्रत्येक सर्किल में दो ऑपरेटर को लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटित किये गये थे।
- भारत में दूसरी बार साल 1995 में 19 सर्किल के लिए स्पेक्ट्रम और लाइसेंस जारी किये गये थे। यह स्पेक्ट्रम नीलामी 19 नॉन मेट्रो सिटी के जीएसएम बेस्ड मोबाइल सर्विस के लिए हुई थी।
- इसके बाद साल 1997 और 2000 में स्पेक्ट्रम नीलामी हुई थी। वहीं साल 2001 में पहली बार 900MHz की स्पेक्ट्रम नीलामी हुई थी।
- साल 2010 में 3G और 4G टेलिकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी हुई थी और इस तरह Tata Docomo को पहली बार भारत में 3G सर्विस मिली थी।