ब्लीपा एक इनोवेटिव डिजिटल सॉल्यूशन है जिसकी मदद से डॉक्टर मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए अपने साथी डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं
फीडबैक मेडिकल ने एक नया सुरक्षित इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम पेश किया है। इसकी मदद से डॉक्टर्स अपने मरीजों के बेहतर इलाज के लिए अपने फैलो डॉक्टर से आसानी से मदद ले पाएंगे। इससे मरीज़ों की देखभाल की प्रक्रिया को आसान बनाने और इससे जुड़े निर्णय लेने में मदद मिलती है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। ब्लीपा® एक सुरक्षित इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम है, जो क्लिनिकल-ग्रेड की तस्वीरों को साझा करने और उनके विश्लेषण की सुविधा देता है। यह ऐसा ऐप्लिकेशन है जिससे मेडिकल पेशेवरों को फोन, टैबलेट, लैपटॉप या डेस्कटॉप पर क्लिनिकल-ग्रेड की तस्वीरों को देखने, उनका विश्लेषण करने और शेयर करने के लिए सुरक्षित कनेक्शन मिलता है। इससे क्लिनिकल देखभाल करने वाली टीम के सभी सदस्यों को एकसाथ लाकर मरीज़ों की देखभाल की प्रक्रिया को आसान बनाने और इससे जुड़े निर्णय फटाफट लेने में मदद मिलती है। इससे किसी खास केस के बारे में चर्चा करने, दूसरी राय लेने, ई-रेफरल मैनेजमेंट और विभिन्न विभागों की टीमों को प्रभावी बनाने की भी सुविधा मिलती है।
अधिक जानकारी के लिए देखें ये वीडियो-
ब्लीपा®, फीडबैक मेडिकल का प्रमुख उत्पाद है जिसका मुख्यालय लंदन में है। कंपनी के पास मेडिकल इमेजिंग सेक्टर में 20 वर्षों का अनुभव है जो अब भारत में आ चुकी है। फीडबैक मेडिकल की इनोवेटिव मेडिकल इमेजिंग टैक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों (एचसीपी) को क्लिनिकल तौर पर बेहतर निर्णय लेने और मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने में उनकी मदद करते हैं।
हाल ही में फीडबैक मेडिकल ने भारत में 200 से ज़्यादा एचसीपी के बीच एक सर्वेक्षण किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ब्लीपा® जैसे किसी डिजिटल सॉल्यूशन को कितना पसंद किया जाएगा और लोगों से मिली प्रतिक्रियाएं बहुत ही उत्साहित करने वाली हैं।
इस सर्वे से साफ होता है कि भारत में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवर अपने वैश्विक समकक्षों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं और ऐसी नई मेडिकल टैक्नोलॉजी का स्वागत करते हैं जिससे उन्हें अपनी पेशेवर ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में मदद मिलती है। स्वास्थ्यसेवा से जुड़े सभी पेशेवर अपने मरीज़ों के लिए बेहतर उपचार चाहते हैं। चूंकि कई बीमारियों में उपचार से जुड़ी मुश्किलें बढ़ती जाती हैं, ऐसे में डायग्नॉसिस और प्रॉग्नॉसिस की नए सिरे से पुष्टि करने की ज़रूरत होती है जहां डॉक्टरों को अपने साथियों की समीक्षा करने और समूह चर्चा करने की ज़रूरत पड़ सकती है। मुश्किल सर्जरियों के बारे में यह बात और भी सच है। इन मामलों में अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों और भौगोलिक तौर पर एक-दूसरे से रहने वाली टीमें सर्जरी को लेकर अपना दृष्टिकोण तय करने और ऑपरेशन से पहले और उसके बाद प्रोटोकॉल तय करने के लिए साथ आती हैं। टीम के सदस्यों के लिए हमेशा यह संभव नहीं होता है कि वे ज़रूरत पड़ने पर यात्रा कर सकें या यहां तक कि बात भी कर सकें। ऐसे समय में ही ब्लीपा® की ज़रूरत पड़ती है जो कनेक्शन, डेटा करने और टीम के सभी सदस्यों तक सुरक्षित तरीके से सूचना पहुंचाने में मदद करता है, ताकि सभी पक्षों तक सही सूचना सही समय पर पहुंच सके और उचित क्लिनिकल निर्णय लिया जा सके।
ब्लीपा® सभी डाइकॉम-आधारित रेडियोलॉजी और कार्डियोलॉजी इमेजिंग सिस्टम से जोड़ता है जैसे कि एमआरआई, सीटी, एक्स-रे, एंजियोग्राम और अल्ट्रासाउंड। यह एक सुरक्षित, एंक्रिप्टेड, और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला ऐप्लिकेशन है जिसका मतलब है कि किसी भी मरीज़ का डेटा किसी डिवाइस पर स्टोर न हो। ब्लीपा® को फिलहाल ओडिशा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ब्लीपाबॉक्स के तौर पर संचालित किया जा रहा है। ब्लीपाबॉक्स एक छोटी टैबलेट डिवाइस है जो अस्पताल की इमेजिंग मशीनों को एक मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ता है। इन मशीनों से इमेज को ब्लीपाबॉक्स में ट्रांसफर करता है और इसके बाद अपने-आप डॉक्टर के ब्लीपा® ऐप को भेज दिया जाता है। डॉक्टर अपने ऐप पर उन मेडिकल स्कैन को देख सकते हैं, ताकि वे उसके बारे में अपनी राय कायम कर सकें या चर्चा करने के लिए अन्य विशेषज्ञों के साथ उसे शेयर कर सकें। क्लिनिशियन क्योर.एआई के एआई आधारित एक्स-रे इंटरप्रेटेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से इमेज भेज भी सकते हैं जो एक्स-रे की समीक्षा करता है और कुछ मिनटों के भीतर ही शुरुआती परिणाम वापस भेज देता है।
डॉ. सिंथिया, एमडी, फीजिशियन, एवानजेलिकल हॉस्पिटल, ओडिशा ने ब्लीपा प्लेटफॉर्म से मिलने वाले फायदों के बारे में कहा, "ब्लीपा बॉक्स हमारे अस्पताल में संदेहास्पद टीबी मरीज़ों की फटाफट जांच में बहुत काम का साबित हुआ है। अब हमारी रेडियोलॉजी टीम कुछ ही मिनटों में मरीज़ों के चेस्ट एक्स-रे की मेडिकल-ग्रेड इमेज हमारे साथ शेयर कर सकती है। मैं ब्लीपा क्लिनिशियन ऐप का इस्तेमाल करके अपने मोबाइल फोन पर इन रिपोर्ट को तुरंत देख सकती हूं और बिना देरी के अपनी राय दे सकती हूं। अगर किसी वजह से मैं उपलब्ध नहीं हूं, तो एक्स-रे को एआई-लिंक्ड प्लेटफॉर्म क्योर.एआई के माध्यम से स्कैन किया जाता है जो एक्स-रे की समीक्षा करता है और इसके परिणाम अस्पताल को और मुझे भेजता है। अस्पताल के कर्मचारी इस टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना सीख रहे हैं और एक बार पूरी तरह सीख जाने पर हम कम समय में टीबी के ज़्यादा मामलों की पहचान की सकेगी, समय से उनका उपचार किया जा सकेगा और ज़्यादा लोगों की ज़िंदगियां बचाई जा सकेंगी। टीबी मरीज़ों की देखभाल के अलावा टैक्नोलॉजी से ऐसे मामलों में भी समय की बचत की जा सकेगी जहां सर्जरी करने से पहले किसी भी अनियमितता की पुष्टि करने से पहले चेस्ट एक्स-रे करना ज़रूरी होता है।"
डॉ. निवेदिता प्रामाणिक, मेडिकल डायरेक्टर, एवानजेलिकल हॉस्पिटल, ओडिशा ने आगे कहा, "ब्लीपाबॉक्स को हमने कुछ महीनों पहले अपने अस्पताल में इंस्टॉल कराया है जिससे टीबी मरीज़ों का तेज़ी से पहचान करने में हमें मदद मिली है। यह बॉक्स हमारे रेडियोलॉजी विभाग के एक्स-रे मशीन से कनेक्टेड है और मरीज़ का चेस्ट एक्स-रे यहां से सीधा मेरे ब्लीपा क्लिनिशियन मोबाइल ऐप पर आ जाता है। मैं उसे तुरंत देख सकती हूं, उस पर अपनी राय दे सकती हूं और समय गंवाए बिना मरीज़ का इलाज शुरू किया जा सकता है। हमारी अस्पताल की टीम एआई प्लेटफॉर्म क्योर.एआई का भी इस्तेमाल कर सकती है जो एक्स-रे स्कैन को पढ़ सकता है और उसके परिणाम हमें भेजता है। हम मोबाइल ऐप के माध्यम से एक्स-रे को देखकर इस डायग्नॉसिस की फिर से पुष्टि कर सकते हैं और इलाज की शुरुआत कर सकते हैं। टैक्नोलॉजी ने जनरल सर्जरी और ऑर्थोपेडिक विभागों में अन्य क्लिनिशियन को भी ऐसे मामलों में मदद मिली है जिनमें उन्हें अपने मरीज़ों का इलाज तय करने से पहले चेस्ट एक्स-रे देखना ज़रूरी होता है।"
जैसे-जैसे भारत 2030 तक अपने सभी नागरिकों को संपूर्ण स्वास्थ्यसेवा उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे स्वास्थ्यसेवा का ऐसा मज़बूत ढांचा तैयार करना भी ज़रूरी हो गया जो सभी की पहुंच में हो और संसाधनों से भरपूर हो।
ब्लीपा® जैसे डिजिटल सॉल्यूशंस, मरीज़ों और एचसीपी के लिए केस के बारे में चर्चा करने और सही समय पर उपचार शुरू करने को वास्तविकता में बदल सकते हैं और देश के दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्यसेवाओं को पहुंचाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकते हैं।
ब्लीपा® को वास्तविक चिकित्सकीय परिवेश में काम करने वाले पेशेवरों, टैक्नोलॉजी और स्वास्थ्यसेवा आईटी विशेषज्ञों ने क्लिनिशियन, शोधार्थियों और रेडियोलॉजिस्ट के साथ मिलकर विकसित किया है। यूके में किए गए पायलट अध्ययन में ब्लीपा® की वजह से रेफरल मामलों में प्रतिक्रिया देने में लगने वाले समय को 7.5 मिनट से घटाकर 1 मिनट प्रति मरीज़ करने में सफलता मिली। इसके अलावा, रेफरल की समीक्षा शुरू करने में औसतन 2.1 दिन लगते थे जो अब 0.4 दिन लगते हैं। यह पहला मेडिकल इमेजिंग कम्युनिकेशंस प्लेटफॉर्म है जिसे यूके में यूकेसीए प्रमाणन मिला है। यह आईएसओ 13485 क्वालिटी स्टैंडर्ड, आईएसओ 27001 इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी और साइबर व सुरक्षा के मानकों के मुताबिक है।
ब्लीपा® के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए, https://bleepa.in पर लॉगइन करें।
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।