Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    iPhone के साथ नहीं दिया चार्जर, तो यूजर्स किया मुकदमा, Apple को देना पड़ा 76,000 रुपये जुर्माना

    By Saurabh VermaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2022 11:02 AM (IST)

    ऐपल आईफोन (Apple iPhone) को दुनियाभर में बेहद पसंद किया जाता है। लेकिन शायद ऐपल की तरफ से iPhone के साथ चार्जिंग एडेप्टर ना देने का फैसला लोगों को अच्छा नहीं लगा। जिसके खिलाफ ब्राजील कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया गया है।

    Hero Image
    Photo Credit - Apple iPhone 14 File Photo

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। Apple iPhone Charger: ऐपल ने सबसे पहले iPhone के साथ चार्जर ना देने का फैसला किया था। ऐपल भारत में iPhone 11, iPhone 12 और iPhone 13 सीरीज़ बिना चार्जिंग अडेप्टर की बिक्री कर रही है। ऐपल की तरफ से iPhone बॉक्स के साथ सिर्फ यूएसबी केबल ही दी जा रही है। कंपनी का तर्क है कि स्मार्टफोन के साथ चार्जिंग अडेप्टर ना देना पर्यावरण प्रदूषण दूर करने में मदद मिलेगी। ऐपल के बाद सैमसंग ने अपने स्मार्टफोन के साथ चार्जर ना देने का फैसला किया है। वही इस लीग में Realme भी शामिल हो गई है। लेकिन iPhone के साथ चार्जिंग अडेप्टर ना देना ऐपल को महंगा पड़ गया। दरअसल हुआ कुछ यूं कि ब्राजील में बिना चार्जर के फोन बेचने पर कस्टमर ने शिकायत की, जिसके बाद Apple कंपनी उस यूजर को $1000 यूएस डॉलर यानी करीब 76,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चार्जर न मिलने पर कस्टमर ने किया एप्पल पर केस

    Apple पर जुर्माना लगाने का मामला ब्राजील से जुड़ा हुआ है। ब्राजील में एक शख्स ने नया Apple iPhone खरीदा था। जिसमें iPhone के साथ रिटेल बॉक्स में चार्जिंग अडेप्टर नहीं दिया गया था, जिसके खिलाफ व्यक्ति ने कोर्ट का रुख किया। जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूजर्स के हित में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ऐपल को नागरिक अधिकारों का दोषी माना और उनके खिलाफ 1000 यूएस डॉलर (76,000 रुपये) का जुर्माना लगाया है। 

    कंपनी नहीं दे रही चार्जिंग एडेप्टर 

    ऐपल (Apple) ने साल 2020 में तय किया था कि वो iPhone के साथ चार्जिंग अडेप्टर नहीं देगी। ऐपल (Apple) का कहना है कि चार्जिंग एडेप्टर की वजह से ई-कचरे की मात्रा में तेजी से इजाफा हो रहा है। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि चार्जिंग एडेप्टर ना देने से कंपनी को जोरदार मुनाफा हुआ है, जिसका फायदा यूजर्स को नहीं दिया गया। मतलब कंपनियों ने फोन की कीमत में कटौती