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    पलक झपकते ही आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देगा यह मैलवेयर, नकली एंड्रॉइड ऐप बना रहा यूजर्स को निशाना

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Wed, 11 Oct 2023 06:58 PM (IST)

    साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ग्रुप-आईबी ने अपने एक रिपोर्ट में कहा कि एंड्रॉइड मैलवेयर गोल्डडिगर नकली ऐप्स के माध्यम से वियतनाम में वित्तीय संगठनों को निशाना बना रहा है। सुरक्षा कंपनी ने अपने डेटा को वियतनाम कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के साथ भी साझा किया है। हालांकि भारतीय यूजर्स को इस एंड्रॉइड ट्रोजन से कोई खतरा नहीं है। बता दें कि एंड्रॉइड मैलवेयर में रिमोट एक्सेस करने का भी क्षमता है।  

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    ये मैलवेयर खाली कर रहे हैं यूजर्स का अकाउंट, यहां जानें डिटेल

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। देश और दुनिया में आज के समय में ऐसा कोई नहीं है, जिसके पास मोबाइल फोन नहीं है। हालांकि, मोबाइल में उपयोग होने वाला एंड्रॉइड लगातार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। एंड्रॉइड का मैलवेयर वैरिएंट से लोग लगातार धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।

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    वहीं, साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ग्रुप-आईबी (cybersecurity researchers Group-IB) ने इस बात की पुष्टि की है कि एंड्रॉइड ट्रोजन का पता अगस्त में ही चला था, जो वर्तमान में वियतनाम में वित्तीय संगठनों को निशाना बना रहा है। 

    भारतीय उपयोगकर्ताओं पर क्या होगा असर?

    • साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ग्रुप-आईबी ने वियतनाम और देश के बाहर के ग्राहकों को इस मैलवेयर के बारे में सूचित किया है।
    • इस दौरान सुरक्षा कंपनी ने अपने डेटा को वियतनाम कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (VNCERT) के साथ भी साझा किया है।
    • वहीं, भारतीय यूजर्स को इस एंड्रॉइड ट्रोजन से चिंता करने की जरूरत नहीं है। मालूम हो कि इस वायरस का कोड नाम गोल्डडिगर (GoldDigger) है।

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     यूजर्स को कैसे प्रभावित कर मालवेयर?

    • साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ग्रुप-आईबी ने दावा किया कि यह मैलवेयर अपने आप को एक नकली एंड्रॉइड ऐप के रूप में प्रस्तुत करता है।
    • कंपनी ने बताया है कि गोल्डडिगर नाम का एंड्रॉइड ट्रोजन जून 2023 से ही सक्रिय है। मालूम हो कि इस एंड्रॉइड बग का सबसे अहम लक्ष्य बैंकिंग क्रेडेंशियल्स को चुराना है।
    • वहीं, गोल्डडिगर नाम का यह ट्रोजन अन्य मैलवेयर की ही तरह उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत जानकारी निकालने और फोन के एसएमएस मैसेज को रोकने के साथ-साथ यूजर्स के कई कार्यों को करने से रोकता है। मालूम हो कि एंड्रॉइड मैलवेयर में रिमोट एक्सेस करने का भी क्षमता है।  

    नकली ऐप्स के उपयोग से हो रहा धोखाधड़ी

    • सुरक्षा एजेंसी आईबी की थ्रेट इंटेलिजेंस की टीम ने बताया कि वर्तमान में एशिया प्रशांत क्षेत्र में गोल्डडिगर सहित कुल तीन एंड्रॉइड ट्रोजन मालवेयर हैं, जो यूजर्स के डेटा को चोरी कर रहे हैं।
    • शोधकर्ताओं ने पाया कि गोल्डडिगर ट्रोजन मैलवेयर वियतनाम के लोगों पर हमला करने के लिए वहां मौजूद एक स्थानीय नकली ऐप्स का प्रयोग कर रहा है।

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