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Technoxian 2022: तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश में टेक स्पोर्ट्स के लिए बेहतर माहौल तैयार करना

World Robotics Championship Technoxian 2022 पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित छठी रोबोटिक्स चैंपियनशिप ‘टेक्नोशियान-22’ में 15 देशों के सात हजार से अधिक किशोरों-युवाओं ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। पेश हैं इनमें से कुछ प्रमुख नवाचारों की एक झलक..

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2022 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2022 05:13 PM (IST)
पेश हैं इनमें से कुछ प्रमुख नवाचारों की एक झलक..

ब्रह्मानंद मिश्र। देश में स्टेम यानी साइंस, टेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स की शिक्षा-संस्कृति और तकनीकी खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय रोबोटिक्स एवं आटोमेशन परिषद (एआइसीआरए) और भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा रोबोटिक्स चैंपियनशिप ‘टेक्नोशियान-22’ का आयोजन हाल में नई दिल्ली में किया गया।

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टेक्नोशियान के इस छठे संस्करण में भारत के अलावा 15 अन्य देशों की टीमें शामिल हुईं। इस दौरान सात हजार से अधिक छात्रों ने 150 से अधिक प्रौद्योगिकी नवाचार और समाधान के तरीके प्रस्तुत किये। पेश हैं इनमें से कुछ प्रमुख नवाचारों की एक झलक..

महिला सुरक्षा के लिए रोबोट

महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ जैसी वारदातों को रोकने के लिए सिद्धार्थ (बीटेक प्रथम वर्ष, एचबीटीआइ, कानपुर) ने एक विशेष प्रकार का रोबोट तैयार किया है। इसमें एक डिवाइस महिला को दी जायेगी, जिसे वह हाथ में पहन सकती है। असुरक्षित महसूस करने पर जैसे ही वह डबल क्लिक करेगी, नजदीकी रोबोट से संपर्क जुड़ जायेगा। साथ ही निकटवर्ती पुलिस स्टेशन और अस्पताल को भी सूचना पहुंच जाएगी। इस रोबोट की रेंज पांच से दस किलोमीटर तक है। कम्युनिकेशन स्थापित होते ही रोबोट उड़कर लाइव लोकेशन पर पहुंचेगा। इसमें लगे कैमरे अपराधी की पहचान करेंगे और रोबोट में लगे टेजर गन से अपराधी को इलेक्ट्रिक शाक लगेगा, जिससे वह अचेत हो जाएगा। अगर वारदात किसी कार या बस आदि में हुई है, तो यह रोबोट स्पाइक्स स्ट्रिप ड्राप कर सकता है, जो टायर को लपेट कर गाड़ी को अवरुद्ध कर देगा। अगर महिला को चोट पहुंची है, तो रोबोट द्वारा प्राथमिक चिकित्सा भी दी जा सकती है।

रोबो नर्स

अस्पतालों और दूरदराज के इलाकों में लोगों को चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक खास रोबोट तैयार किया गया है। केरल के मिधुन ए, क्रिस जार्ज, शमील शाह द्वारा तैयार इस रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक इस्तेमाल किया गया है, जिससे डाक्टर दुनिया में कहीं भी किसी का इलाज और सर्जरी कर सकतेहैं। वीडियो काल में एआइ चेहरे के हाव-भाव को पढ़कर रोबोट को निर्देशित कर सकता है। रोबो नर्स एक बार में 100 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी जुटा सकती है। वायरलेस मानिटरिंग के अलावा यह मरीज के ब्लड प्रेशर, आक्सीजन लेवल, शुगर, ईसीजी आदि की जानकारी एकत्र कर सकती है।

स्मार्ट बाइक

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक आधारित एक खास बाइक तैयार की गई है। गुजरात के सुथार चिमन, माधव भट्ट और बरैया आदर्श ने बाइक के लिए जीपीएस आधारित एक विशेष सिस्टम तैयार किया है। बाइक चलाते समय लोग फोन पर बात करते हैं, जिससे कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसे रोकने के उद्देश्य से बाइक को एक मोबाइल एप से जोड़ा गया है जिससे घर बैठे परिजन बाइक की सही स्पीड और लोकेशन की जानकारी पता कर सकते हैं। साथ ही, जीपीएस सिस्टम से भीड़भाड़ वाले इलाकों में बाइक की सही लोकेशन पता की जा सकती है। यह तकनीक बाइक चोरी की घटनाओं को रोकने में भी कारगर है।

कृषिबोट

यह स्वचालित रोबोट अनेक तरह के कृषि कार्यों को अंजाम देने में सक्षम है। पंजाब के विराज गुप्ता (छठी कक्षा) द्वारा तैयार यह रोबोट खेतों में कृषि कार्यों और उसमें लगने वाले समय दोनों को कम कर सकता है। इसमें मिट्टी की नमी जांचने वाला सेंसर, रोबोटिक जुताई सिस्टम, आटोमेटेड बीज बुआई, खाद और दवाओं के छिड़काव आदि का सिस्टम बनाया गया है। सर्विलांस कैमरे के माध्यम से किसान अपने खेतों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस सिस्टम को आसानी से मोबाइल फोन द्वारा संचालित किया जा सकता है।

हाइड्रोजन-एथनाल ईंधन बाइक

पेट्रोलियम ईंधनों से होनेवाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हाइड्रोजन जैसे विकल्पों पर तेजी से काम किया जा रहा है। महाराष्ट्र के विक्रांत पवार, ऋत्विक शामराव ने हाइड्रोजन-एथनाल ईधन संचालित बाइक तैयार की है। इसके लिए ईंधन लागत 65 रुपये प्रति लीटर आएगी, जबकि इसका माइलेज 45 किमी. का होगा। इस बाइक की गति 62-65 किमी. प्रति घंटे तक रहने का दावा किया गया है। चूंकि हाइड्रोजन को आसानी से कंप्रेस नहीं किया जा सकता है, अत: इंजन द्वारा इसे स्वत: जेनरेट करने की व्यवस्था बनाई गई है। इसे बहुत कम समय में तैयार किया जा सकता है। इलेक्ट्रिकल गाड़ियों की तरह इसे चार्ज करने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना होगा।

एआइसीआरए के अध्यक्ष राज कुमार शर्मा ने बताया कि टेक्नोशियान का उद्देश्य तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश में टेक स्पोर्ट्स के लिए बेहतर माहौल तैयार करना है। अगले वर्ष तक 50 से अधिक देशों में 10,000 टीएस रोबोक्लब के माध्यम से 10 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य है। इसी उद्देश्य से एआइसीआरए द्वारा रोबो क्लब की वैश्विक रैंकिंग की शुरुआत की गई है।


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