Republic Day के जश्न में डूबा गूगल, खास मौके पर बनाया शानदार डूडल
Google ने गणतंत्र दिवस समारोह की अहमियत पर भी हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसमें कहा गया है कि गणतंत्र दिवस परेड को व्यापक रूप से देखा जाता है। इसमें भाग लिया जाता है और यह कर्तव्य पथ से इंडिया गेट तक कई किलोमीटर की दूरी तय करती है। इसमें मौजूद लोग देशभर से रंग-बिरंगी भव्य झांकियों और सांस्कृतिक परफॉर्मेंस का आनंद लेते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है। इस मौके को खास बनाने के लिए गूगल ने डूडल क्रिएट किया है। जिसमें भारत से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहरों की झलक मिलती है। गूगल ने गणतंत्र दिवस परेड के एलीमेंट्स को दर्शाते हुए एक 'वाइब्रेंट डूडल' बनाया है। कलाकार रोहन दहोत्रे द्वारा बनाया गया Google डूडल इस ऐतिहासिक इस दिन के महत्व को बताता है। गूगल के इस डूडल में क्या खासियत है। आइए जानते हैं।
गूगल ने बनाया डूडल
यह डूडल कई जानवरों को दिखाता है, जो भारत के अलग-अलग हिस्सों के प्रतीक हैं। ये जानवर देश के अनेकों परिदृश्यों, संस्कृतियों और वन्य जीवन का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह डूडल भारत के 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाता है, जो भारत के लिए अहम पल है।
गणतंत्र दिवस परेड की खासियत वाले डूडल की कलाकृति को पुणे के कलाकार रोहन दहोत्रे ने चित्रित किया था। परेड में चित्रित जानवर भारत के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। गूगल डूडल में लद्दाख की ट्रेडिशनल पोशाक पहने एक हिम तेंदुआ दिखाया गया है। पास में एक बाघ खड़ा है, जो एक म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट पकड़े हुए है। भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर को उड़ते हुए दिखाया गया है। पोशाक पहने हुए एक हिरण के पास छड़ी है।
क्या है खासियत
इसके अलावा Google ने गणतंत्र दिवस समारोह की अहमियत पर भी हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसमें कहा गया है कि गणतंत्र दिवस परेड को व्यापक रूप से देखा जाता है। इसमें भाग लिया जाता है और यह कर्तव्य पथ से इंडिया गेट तक कई किलोमीटर की दूरी तय करती है।
इसमें मौजूद लोग देशभर से रंग-बिरंगी, भव्य झांकियों और सांस्कृतिक परफॉर्मेंस का आनंद लेते हैं Google ने गणतंत्र दिवस के महत्व को समझाते हुए लिखा कि, 1950 में इस दिन भारत ने आधिकारिक तौर पर संविधान को अपनाया था।
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं। राष्ट्रीय कार्यक्रमों में 'जन भागीदारी' बढ़ाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप परेड को देखने के लिए करीब 10 हजार मेहमानों को आमंत्रित किया गया है।
- इस बार 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' थीम पर कर्तव्य पथ पर 31 झांकियां निकाली जाएंगी। पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी।
- ये पहली बार होगा जब परेड में 5000 कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन होगा और वो पूरे कर्तव्य पथ को कवर करेंगे। परेड सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और लगभग 90 मिनट तक चलेगी।
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