Elon Musk सहित टॉप कंपनियों के बॉस का है मानना- 5 सालों में इंसान पर हावी होगा AI, जानें क्या है पूरी सच्चाई
हाल ही में एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें पता चला है कि आने वाले कुछ सालों में AI का प्रभाव इंसानों 42 फीसदी सीईओ का मानना है कि एआई अगले कुछ सालों में मानव जाति पर हावी हो सकता है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। एआई या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आजकल तकनीक की दुनिया में चर्चा का विषय है। जहां एआई विभिन्न स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है, वहीं इसके नुकसान भी हैं। ऐसा हमारा नहीं, दुनिया के टॉप टेक लीडर्स का मानना है।
एआई के बढ़ने के साथ ही ट्विटर और टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क सहित कई टॉप तकनीकी सीईओ, मानवता पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के हावी होने से चिंतित हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में येल सीईओ शिखर सम्मेलन में सीएनएन द्वारा किए गए लेटेस्ट सर्वे के अनुसार, 42 प्रतिशत सीईओ का मानना है कि एआई अगले कुछ वर्षों में मानवता पर हावी हो सकता है।
रिपोर्ट से मिली जानकारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 42 प्रतिशत सीईओ और शीर्ष बिजनेस टाइकून मानते हैं कि एआई में आज से 5-10 साल बाद मानवता को नष्ट करने की क्षमता है। कहा जाता है कि सर्वेक्षण में वॉलमार्ट, कोका-कोला, जेरॉक्स, जूम, और कई अन्य व्यवसायों के क्रॉस-सेक्शन के 119 सीईओ शामिल हैं। येल के प्रोफेसर जेफरी सोननफेल्ड ने चौंकाने वाले निष्कर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत अंधेरा भरा और खतरनाक है।
Ai का पड़ेगा भयंकर प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 34 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि एआई संभावित रूप से दस वर्षों में मानवता को नष्ट कर सकता है, जबकि उनमें से लगभग 8 प्रतिशत ने कहा कि विनाश अब से केवल पांच वर्षों में हो सकता है। वहीं लगभग 58 प्रतिशत CEOs ने कहा कि AI कभी भी मनुष्यों पर हावी नहीं होगा और वे चिंतित नहीं हैं।
एलोन मस्क जैसे टॉर तकनीकी टाइकून और यहां तक कि OpenAI के संस्थापक द्वारा एआई के खतरे पर प्रकाश डालने के कुछ हफ्तों बाद ये निष्कर्ष प्रकाश में आए हैं। कुछ ही हफ्ते पहले, एआई उद्योग के दर्जनों नेताओं और कुछ अन्य लोगों ने एआई से "विलुप्त होने" के जोखिम की चेतावनी देने वाले एक बयान पर हस्ताक्षर किए।
बयान पर चैटजीपीटी के निर्माता सैम ऑल्टमैन, जेफ्री हिंटन, जिन्हें 'एआई का गॉडफादर' कहा जाता है, मस्क और Google और माइक्रोसॉफ्ट के कई अन्य टॉप अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे। इन तकनीकी दिग्गजों ने कहा कि एआई के खतरों से बचाव के लिए समाज को उपाय करने चाहिए। बयान में कहा गया है कि महामारी और परमाणु युद्ध जैसे अन्य सामाजिक-स्तर के जोखिमों के साथ-साथ एआई से विलुप्त होने के जोखिम को कम करना एक वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए।
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