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    बढ़ रहा है नकली बैंकिंग ऐप्स का खतरा, इस शख्स के अकाउंट से उड़े 4 लाख; आप ऐसे बचें

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 06:08 PM (IST)

    भारत में नकली बैंकिंग ऐप्स का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ये ऐप्स असली की तरह दिखते हैं लेकिन आपका बैंक बैलेंस खाली कर सकते हैं। हाल ही में केरल के एक व्यक्ति ने ऐसे ही एक फर्जी ऐप के जरिए अपने PF अकाउंट से 4 लाख रुपये गंवा दिए। जानिए ये फर्जी ऐप्स कैसे काम करते हैं और इनसे बचने के आसान तरीके।

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    कहीं आपने गलत बैंकिंग ऐप तो डाउनलोड नहीं कर लिया।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत में फर्जी बैंकिंग ऐप्स का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो सीधे यूजर्स को निशाना बना रहे हैं। केरल के एक व्यक्ति के साथ हाल ही में ऐसा ही एक मामला हुआ, जिसमें उन्होंने अपने प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट से 4 लाख रुपये गंवा दिए। उन्हें अपने बैंक से एक भरोसेमंद SMS मिला जिसमें मोबाइल बैंकिंग ऐप अपडेट करने को कहा गया था। जैसे ही उन्होंने उस ऐप को डाउनलोड किया और अपने लॉगिन डिटेल्स डाले, दो ट्रांजैक्शन्स के जरिए 4 लाख रुपये उनके खाते से उड़ गए।

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    साइबर पुलिस के मुताबिक, वो ऐप नकली था और उसमें एक स्क्रीन-शेयरिंग टूल पहले से इंस्टॉल था, जिसकी मदद से स्कैमर्स ने उनके डिवाइस पर रियल टाइम में सब कुछ देखा और उनके बैंक अकाउंट पर पूरा कंट्रोल पा लिया।

    ये अकेला मामला नहीं है। ऐसे फर्जी ऐप्स अब आम होते जा रहे हैं। ये देखने में असली ऐप्स जैसे लगते हैं लेकिन इनका मकसद होता है आपकी बैंकिंग डिटेल चुराना। यूजर्स को SMS, ईमेल या सोशल मीडिया के ज़रिए फर्जी लिंक भेजकर निशाना बनाया जाता है। कई बार ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या दूसरे ऐप स्टोर्स पर भी दिखते हैं, जिनके नाम और लोगो असली बैंकिंग ऐप्स जैसे ही होते हैं। आइए जानें ये कैसे काम करते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।

    फर्जी बैंकिंग ऐप्स कैसे काम करते हैं?

    • स्कैमर्स ऐसे कोड का इस्तेमाल करते हैं जो उनके हार्मफुल बिहेवियर को छिपा देता है या देर से एक्टिव करता है, ताकि सुरक्षा सिस्टम उन्हें पकड़ न सके।
    • कुछ ऐप्स शुरुआत में बिल्कुल सामान्य होते हैं लेकिन जब यूजर्स उन पर भरोसा करने लगते हैं, तब वे एक अपडेट के जरिए मैलवेयर एक्टिव कर देते हैं।
    • फर्जी लिंक यूजर्स को नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं, जो असली बैंकिंग साइट जैसी दिखती है और वहीं उनका लॉगिन डिटेल चोरी हो जाता है।
    • कई बार ये मैलवेयर APK फाइल्स के जरिए फैलाया जाता है, जो मेसेज या संदिग्ध विज्ञापनों के जरिए भेजी जाती हैं, ताकि यूजर उन्हें ऑफिशियल स्टोर्स के बाहर से इंस्टॉल कर ले।

    एक बार इंस्टॉल हो जाने पर ये ऐप्स आपके SMS पढ़ सकते हैं, लॉगिन डिटेल्स कैप्चर कर सकते हैं और OTP भी चुरा सकते हैं। कुछ मामलों में ये स्क्रीन-शेयरिंग टूल से डिवाइस पर रिमोट एक्सेस भी हासिल कर लेते हैं।

    फर्जी बैंकिंग ऐप्स को कैसे पहचानें और बचें?

    • हमेशा बैंकिंग ऐप्स को बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद ऐप स्टोर्स से ही डाउनलोड करें।
    • ऐप डिटेल्स ध्यान से जांचें- डेवलपर का नाम, यूजर रिव्यू और डाउनलोड काउंट जरूर देखें।
    • अगर कोई ऐप कॉन्टैक्ट्स, फोटो या स्क्रीन कंट्रोल जैसी अजीब परमिशन मांगता है तो सतर्क हो जाएं।
    • सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर ऑन करें।
    • अनजान लोगों से आए लिंक पर कभी क्लिक न करें, खासकर जो अचानक अपडेट या रिवॉर्ड्स देने का वादा करते हों।
    • ऐप के नाम, डेवलपर डिटेल्स या वेबसाइट में स्पेलिंग मिस्टेक्स का खास ध्यान रखें।
    • सोशल मीडिया या विज्ञापनों से मिले APK फाइल्स को कभी इंस्टॉल न करें।

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