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    Reboot और Restart सेटिंग एक-दूसरे से कैसे होती हैं अलग, क्या है इनमें अंतर?

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Mon, 10 Apr 2023 03:37 PM (IST)

    Reboot and Restart Setting जब डिवाइस ठीक तरह से काम नहीं करता तो यूजर के जेहन में दो सेटिंग Reboot और Restart का ऑप्शन आता है। हालांकि ये दोनों सेटिंग एक-दूसरे से अलग होती हैं। इनका इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से किया जाता है। (फोटो- पेक्सल)

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    What Is Reboot Restart Settings, Pic Courtesy- Pexels

     नई दिल्ली, टेक डेस्क। एक यूजर का Smartphone जब ठीक से काम ना करे तो उसके लिए रीबूट, रिस्टार्ट और फैक्टरी रिसेट जैसी सेटिंग्स काम आती हैं। अक्सर स्मार्टफोन जब बार-बार हैंग होने लगे या ऐप्स रिस्पॉन्स करना बंद कर दें तो इन सेटिंग का इस्तेमाल करना कारगर रहता है। हालांकि, Reboot और Restart जैसी सेटिंग एक दूसरे से अलग होती हैं। दोनों ही सेटिंग का इस्तेमाल सिचुएशन के हिसाब से किया जाना चाहिए।

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    Reboot और Restart में क्या है अंतर

    डिवाइस को रीबूट करने से हार्डवेयर नॉन फंक्शनल स्टेट से फंक्शनल स्टेट में आ जाता है। ऐप्स के काम ना करने की सिचुएशन हो या डिवाइस के हैंग होने की परेशानी दोनों के लिए यह समाधान कारगर है।

    रिस्टार्ट सेटिंग का मतलब डिवाइस को बंद कर वापिस चालू करना होता है। डिवाइस में सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद अक्सर स्मार्टफोन को रिस्टार्ट करने की सलाह दी जाती है, ताकि डिवाइस नए अपडेट पर ठीक तरह से काम करने लगे।

    डिवाइस को रीबूट करना एक फास्ट प्रॉसेस है, जबकि रिस्टार्ट करना डिवाइस के लिए एक टाइम-टेकिंग प्रॉसेस है।

    हार्डवेयर के मामले में भी अलग हैं सेटिंग

    रीबूट सेटिंग में स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर पर काम होता है। रीबूट सेटिंग का इस्तेमाल करते हैं तो यह ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरफ़ेस में पहुंच कर तेज गति से काम करता है। लैपटॉप और कंप्यूटर के केस में रीबूट बिजली की खपत नहीं करता है।

    वहीं दूसरी ओर, रिस्टार्ट सेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर को पूरी तरह से बंद कर देती है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टेस्ट होने के बाद डाटा को दोबारा लोड किया जाता है। कंप्यूटर और लैपटॉप के केस में यह प्रॉसेस बिजली की खपत से जुड़ा होता है।

    रिस्टार्ट सेटिंग हार्डवेयर से जुड़ी होती है, यह जंक को क्लीन करने का काम करता है। वहीं दूसरी ओर, रीबूट सेटिंग का हार्डवेयर से कोई काम नहीं होता। रीबूट की स्थिति में डाटा के डिलीट होने की स्थिति भी पैदा नहीं होती। फोन में किसी बड़ी खामी को दूर करने के लिए रीबूट से ज्यादा रिस्टार्ट सेटिंग कारगर होती है।