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    I’m Not a Robot पर क्लिक करने से क्या होता है, आप इंसान हैं या रोबोट कैसे चलता है पता?

    Tech Tips इंटरनेट पर आपने I’m Not a Robot चेकबॉक्स जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि सिर्फ एक क्लिक से कैसे ये साबित हो जाता है कि आप इंसान हैं बल्कि एक रोबोट नहीं और ये क्यों जरूरी है। हो सकता है कि आप में से कुछ लोग इस बारे में जानते होंगे। लेकिन काफी सारे लोग अभी भी नहीं जानते।

    By Saket Singh Baghel Edited By: Saket Singh Baghel Updated: Fri, 23 May 2025 10:00 AM (IST)
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    'I’m Not a Robot' चेकबॉक्स क्यों होता है?

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर वेबसाइट ब्राउजिंग के दौरान 'I’m Not a Robot' ये प्रॉम्प्ट आपने भी देखा होगा। क्लिक करने के बाद आप ये जरूर सोचते होंगे कि भला मुझे ये साबित ही क्यों करना है कि 'मैं एक रोबोट नहीं हूं'। और मेरे क्लिक करते ही सिस्टम को कैसे पता चलेगा मैं रोबोट नहीं हूं? ऐसे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि इस प्रॉम्प्ट पर क्लिक करने से क्या होता है और ये क्यों किया जाता है। 'I’m Not a Robot' लेबल वाला छोटा चेकबॉक्स, भले ही सिंपल क्लिक लग सकता है। लेकिन, ये CAPTCHA (कंप्लीटली ऑटोमेटेड पब्लिक ट्यूरिंग टेस्ट टू टेल कम्प्यूटर्स एंड ह्यूमन्स अपार्ट) सिस्टम काफी कॉम्प्लेक्स है। ये वेबसाइट्स का मेजर टूल है, जो इंसानों को बॉट्स से अलग करता है और स्पैम, डेटा स्क्रैपिंग या फ्रॉड जैसी एक्टिविटी को रोकता है।

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    'आप असली इंसान हैं या नहीं'

    जब आप 'I’m Not a Robot' पर क्लिक करते हैं, तो ये सिर्फ एक बेसिक एक्शन नहीं है- ये आपके बिहेवियर और एनवायरमेंट की गहन जांच शुरू करता है। आपके क्लिक से पहले सिस्टम आपके पेज इंटरैक्शन को देखता है। ये आपके माउस मूवमेंट, स्क्रॉल करने का तरीका और क्लिक की टाइमिंग चेक करता है। इंसानों का कर्सर मूवमेंट थोड़ा अनप्रेडिक्टेबल होता है, जबकि बॉट्स असामान्य रूप से सटीक होते हैं। ये बिहेवियर डेटा सिस्टम को ये तय करने में मदद करता है कि आप असली इंसान हैं या नहीं।

    इसके अलावा, सिस्टम आपके डिवाइस और ब्राउजर की जानकारी- जिसे ब्राउजर फिंगरप्रिंटिंग कहते हैं- को इकट्ठा करता है। ये आपके IP एड्रेस, स्क्रीन रेजोल्यूशन, ब्राउजर वर्जन, इंस्टॉल्ड प्लगइन्स, टाइम जोन आदि देखता है। ये फिंगरप्रिंट बताता है कि आपका ब्राउजिंग सेटअप सामान्य है या संदिग्ध, जैसे हेडलेस ब्राउजर या बॉट एक्टिविटी से जुड़ा VPN।

    विजुअल चैलेंज

    अगर आप Google अकाउंट में साइन इन हैं और reCAPTCHA (Google का सिस्टम) यूज कर रहे हैं, तो आपकी हाल की ब्राउजिंग हिस्ट्री और एक्टिविटी भी आपकी पहचान वेरिफाई करने में मदद करती है। अगर सब कुछ ठीक है, तो आप तुरंत पास हो जाते हैं। लेकिन अगर कुछ गड़बड़ लगता है, तो आपको विजुअल चैलेंज मिल सकता है- जैसे ट्रैफिक लाइट्स या बस वाली इमेज चुनना। ये टास्क इंसानों के लिए आसान हैं, लेकिन बॉट्स के लिए मुश्किल, खासकर जिनमें एडवांस्ड इमेज रिकग्निशन नहीं है।

    कुलमिलाकर बात करें तो ये चेकबॉक्स सिर्फ एक सरफेस है, असल में ये एक एडवांस्ड सिस्टम है। क्लिक मायने नहीं रखता, बल्कि सिस्टम आपके पहले, दौरान और बाद के बिहेवियर को देखता है। CAPTCHA एक डिजिटल गेटकीपर है, जो छोटे-छोटे संकेतों से वेबसाइट्स को ऑटोमेटेड ट्रैफिक के खतरे से बचाता है।

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