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    Penumbral Lunar Eclipse on June 5: आज होने वाला चंद्र ग्रहण क्यों है अलग, जानें

    By Harshit HarshEdited By:
    Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:16 AM (IST)

    Penumbral Lunar Eclipse on June 5 इस साल 5 जून को एक बार फिर से Lunar Eclipse भारत में देखने को मिलेगा। लेकिन इस बार जो चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा वो ...और पढ़ें

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    Penumbral Lunar Eclipse on June 5: आज होने वाला चंद्र ग्रहण क्यों है अलग, जानें

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। Lunar Eclipse यानि चंद्र ग्रहण, यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जो साल में एक-दो बार जरूर देखने को मिलती है। इस साल 5 जून को एक बार फिर से Lunar Eclipse भारत में देखने को मिलेगा। लेकिन, इस बार जो चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा, वो अन्य चंद्र ग्रहण से अलग होगा। 5 जून को होने वाले इस खगोलीय घटना को  उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) कहा जा रहा है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बार ऐसा क्या अलग होने वाला है? आज हम आपको इस अलग तरह के चंद्र ग्रहण के बारे में बताएंगे। साथ ही, आफको बदा दें कि इस महीने की 21 तारीख को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भी देखने को मिलेगा।

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    आम तौर पर चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) तीन तरह के होते हैं- पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse), आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) और उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)। 5 जून को लगने वाला ये चंद्र ग्रहण भारत में रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 6 जून की रात 2 बजकर 32 मिनट तक लगेगा। रात के 12 बजकर 54 मिनट पर चांद पूरी तरह से छिप जाएगा।

    क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)?

    यह चंद्र ग्रहण उस स्तिथि में लगता है जब पृथ्वी, चांद और सूर्य एक सीध में नहीं रहते हैं। इस तरह से चंद्र ग्रहण में चांद पर धरती की वास्तविक छाया नहीं पड़ती है। इसमें चांद पर धरती की बाहरी छाया ही पड़ती है चांद उससे निकल जाता है। जबकि, पूर्ण और आंशिक चंद्र ग्रहण में धरती, चांद और सूर्य एक ही सीध में होते हैं, जिसकी वजह से चांद पर धरती की वास्तविक छाया पड़ती है।

    इस उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) को ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, साउथ/ईस्ट अमेरिका, यूरोप और एशिया में देखा जाएगा। इस उपछाया चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 18 मिनट तक की रहेगी। इस दौरान चंद्रमा पर पूरी तरह से अंधकार नहीं देखने को मिलेगा, क्योंकि चांद पर धरती की वास्तविक छाया नहीं पड़ेगी।